---विज्ञापन---

कैसे हुआ समोसे का आविष्कार? जानें भारत में कहां से आया, जानिए इस लाजवाब स्नैक की कहानी

कभी आपने सोचा है कि भारत का फेमस स्नैक समोसा आया कहां से और इसका आविष्कार कैसे हुआ? क्या आप जानते हैं कि समोसा सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों का पसंदीदा नाश्ता है? आइए जानते हैं...

Edited By : Ashutosh Ojha | Updated: Oct 25, 2024 20:09
Share :
samosa
samosa

भारत में समोसे का जिक्र होते ही मुंह में पानी आ जाता है। चाहे किसी छोटी गली का फूड स्टॉल हो या कोई फेमस स्‍वीट शॉप, समोसे का स्वाद पूरे भारत में हर कहीं मिलता है। कोलकाता की सड़कों पर चलने पर आपको फुलकोपीर शिंगारा मिलेगा, जो हल्के मसालेदार गोभी और जीरे से भरा एक शानदार बंगाली समोसा है। वहीं कुछ कदम दूर एसी मार्केट के पास आपको मसालेदार आलू के बड़े समोसे मिलेंगे। अगर आप गुजराती स्नैक स्टॉल पर जाएं, तो प्याज से भरे छोटे समोसे मिलेंगे।

samosa

---विज्ञापन---

अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग स्वाद

समोसे में वैराइटी की बात करें, तो देश के हर कोने में इसका अलग रूप है। हैदराबाद में आपको मोटी परत वाला मटन से भरा “लुखमी” मिलेगा, जबकि दक्षिण भारत में गोभी, गाजर और करी पत्ते से भरे समोसे मिलते हैं। बंगाल में इसे “शिंगारा” कहा जाता है जो हल्का मीठा होता है, इसमें आलू के साथ मूंगफली और कभी-कभी गोभी भी होती है। गुजरात में प्याज, मटर और बीन्स के छोटे समोसे मिलते हैं। वहीं गोवा की बात करें तो यहां “चामुका” बीफ, चिकन या पोर्क से भरा होता है।

samosa

---विज्ञापन---

क्या भारत का अपना है समोसा?

आमतौर पर माना जाता है कि समोसा भारत में विदेशियों द्वारा लाया गया। यह भी कहा जाता है कि मिडिल ईस्ट से होते हुए समोसा भारत पहुंचा और फिर अपने अलग-अलग स्वरूपों में ढल गया। मध्य एशिया के व्यापारी समोसे को भारत लाए। “समोसा” शब्द भी फारसी “संबूसा” से निकला है, जिसका अर्थ होता है “बराबर भुजाएं होना”।

samosa

इतिहास में समोसे का सफर

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, समोसे का इतिहास काफी पुराना है। 15वीं सदी की एक फारसी पांडुलिपि “निमतनामा” में इस व्यंजन का उल्लेख मिलता है। 1300 ई. के आसपास अमीर खुसरो ने अपने लेखन में मांस, घी और प्याज से बने समोसे का उल्लेख किया। 14वीं सदी के यात्री इब्न बतूता ने “समूसाक” का जिक्र किया, जिसमें बादाम, अखरोट, पिस्ता और मसालेदार मांस भरा होता था। 16वीं सदी के अबुल फजल ने भी आइन-ए-अकबरी में इसका वर्णन किया, जिसे “संबूसा” कहा गया।

samosa

समोसे की भारतीय पहचान

इतिहासकारों का मानना है कि समोसे को विदेशी दरबारों में पेश किया गया था, लेकिन भारत में आते ही यह व्यंजन यहां के स्वाद और संसाधनों के अनुसार ढल गया। भारत में मांस की जगह किफायती आलू और सब्जियों का प्रयोग किया गया, ताकि यह हर वर्ग के लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध हो सके।

samosa

अंत में बस इतना ही कहेंगे…

समोसा चाहे जहां से आया हो, भारत में इसकी लोकप्रियता देखते ही बनती है। फिटनेस की परवाह किए बिना, कभी-कभार इस शानदार स्नैक का आनंद लेना तो बनता है।

ये भी पढ़ें: पेट्रोल पंप को “पेट्रोल पंप” क्यों कहा जाता है, “डीजल पंप” क्यों नहीं? दिलचस्प है वजह

HISTORY

Written By

Ashutosh Ojha

First published on: Oct 25, 2024 08:09 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें