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देश की सुरक्षा के लिए क्यों जरूरी है Z-morh Tunnel? 12 साल पहले राहुल गांधी ने रखी नींव; आज PM Modi करेंगे उद्घाटन

Z-Mroh Tunnel Importance: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जम्मू कश्मीर की Z-मोड़ टनल का उद्घाटन करेंगे। मगर क्या आप जानते हैं कि यह टनल देश के लिए क्यों खास होने वाली है? आइए जानते हैं।

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Jan 13, 2025 10:49
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Z-Morh Tunnel

Z-Mroh Tunnel Inaugration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 13 जनवरी को जम्मू कश्मीर की Z-मोड़ टनल का उद्घाटन करेंगे। आज से ठीक 85 दिन पहले 20 अक्टूबर 2024 को इसी टनल पर आतंकियों ने कायराना हमले को अंजाम दिया था। आतंकी फायरिंग के दौरान 1 डॉक्टर समेत 6 मजदूरों की मौत हो गई थी। यह पहली बार था जब आतंकियों ने जम्मू कश्मीर में किसी डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट को निशाना बनाया था। वहीं अब यह टनल बनकर तैयार हो चुकी है। पीएम मोदी से पहले जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टनल का दौरा किया है। तो आइए जानते हैं आखिर यह टनल आतंकियों के निशाने पर क्यों रही थी?

Z-मोड़ टनल की लोकेशन

समुद्र तल से 8,562 फीट की ऊंचाई पर बनी यह टनल जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले में मौजूद है। यह टनल गगनगीर में थजीवास ग्लेशियर के नीचे बनाई गई है। वैसे तो NH-1 श्रीनगर को लेह से जोड़ता है। मगर सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण यह हाईवे बंद हो जाता है। ऐसे में Z-मोड़ टनल के जरिए किसी भी मौसम में लद्दाख पहुंचा जा सकता है।

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Z-मोड़ टनल की खासियत

श्रीनगर से लेह को जोड़ने वाली यह टनल Z के आकार की है, जिसके कारण इसे Z-मोड़ टनल का नाम दिया गया है। 6.5 किलोमीटर की 2 लेन टनल को बनाने के लिए न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड का इस्तेमाल हुआ है, जिसकी कीमत 2,680 करोड़ रुपए बताई जा रही है।

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3 घंटे में पूरा होगा सफर

NH-1 के रास्ते गगनगीर से सोनमर्ग की दूरी 12 किलोमीटर थी। हालांकि Z-मोड़ टनल बनने के बाद यह घटकर 6.5 किलोमीटर हो जाएगी। इस टनल में गाड़ियां 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी, जिससे यह दूरी मात्र 3 घंटे में कवर की जा सकेगी। इस टनल से गुजरने वाले यात्रियों से टोल टैक्स भी नहीं वसूला जाएगा।

राहुल गांधी ने किया था भूमिपूजन

Z-मोड़ टनल जम्मू कश्मीर के महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। 2005 में इस प्रोजेक्ट का जिक्र हुआ और 2012 में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने इस पर काम शुरू कर दिया था। 12 साल पहले 2012 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भूमिपूजन करते हुए इस टनल की नींव रखी थी। वहीं अब आज पीएम मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।

Z-मोड़ टनल की चुनौतियां

Z-मोड़ टनल को बनाने में 4 बड़ी मुश्किलें सामने आईं। कड़ाके ठंड में यहां का तापमान माइनस 10 डिग्री तक पहुंच जाता है। वहीं समुद्र तल से 3000 मीटर की ऊंचाई पर कंस्ट्रक्शन का सामान पहुंचाना भी आसान नहीं था। इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से यह टनल काफी सेंसिटिव मानी जाती है। टनल के पास सिक्योरिटी थ्रेड भी देखा जा चुका है।

आतंकियों ने क्यों बनाया निशाना?

Z-मोड़ टनल बनने के बाद न सिर्फ जम्मू कश्मीर को पर्यटन क्षेत्र में बूम मिलेगा बल्कि सेना को भी इसका फायदा होगा। Z-मोड़ टनल जोजिला प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जिसके तहत श्रीनगर से लद्दाख तक पहुंचा जाएगा। इससे सेना के जवान सालभर श्रीनगर, द्रास, कारगिल और लेह से कनेक्ट रहेंगे। Z-मोड़ टनल के जरिए LAC और LoC तक भी सेना की पहुंच आसान हो जाएगी। जाहिर है इस इलाके में आवाजाही के लिए सेना के जवान मौसम के मोहताज नहीं होंगे।। यही वजह है कि आतंकियों ने इस टनल को निशाना बनाया था।

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Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Jan 13, 2025 10:49 AM

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