बीजेपी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है। महाराष्ट्र के राज्यपाल CP राधाकृष्णन के नाम का ऐलान होने के बाद उनकी हर तरफ चर्चा होने लगी है। सीपी राधाकृष्णन को तमिलनाडु का मोदी भी कहा जाता है। आखिर उन्हें तमिलनाडु का मोदी क्यों कहा जाता है आइए इसके बारे में आपको बताते हैं।
क्यों कहा जाता है तमिलनाडु का मोदी?
CP राधाकृष्णन को तमिलनाडु का मोदी कहा जाता है क्योंकि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक प्रमुख और सम्मानित नेता हैं जिन्होंने तमिलनाडु में पार्टी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। उनकी तुलना नरेंद्र मोदी से की जाती है क्योंकि वे दोनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पृष्ठभूमि से आते हैं और अपने मजबूत नेतृत्व, संगठनात्मक कौशल और जनता से जुड़ने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
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19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा का किया था नेतृत्व
राधाकृष्णन 16 साल की उम्र में RSS में शामिल हो गए और लंबे समय तक जनसंघ और भाजपा से जुड़े रहे। उन्होंने तमिलनाडु में भाजपा के लिए बड़े पैमाने पर काम किया, जैसे कि 19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा का नेतृत्व करना और विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाना। इसके अलावा, उनकी सक्रियता, विकासोन्मुखी दृष्टिकोण और कठिन परिस्थितियों में भी पार्टी को आगे ले जाने की क्षमता मोदी की नेतृत्व शैली से जुड़ी हुई है।
मोदी सरकार ने RSS को किया खुश
भाजपा ने सीपी राधाकृष्णन के नाम की घोषणा करके RSS को भी खुश कर दिया है। राधाकृष्णन 16 साल की उम्र से ही RSS से जुड़े रहे हैं। वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने थे। भाजपा ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में राधाकृष्णन के नाम की घोषणा करके एक तीर से कई निशाने साधे हैं।
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उपराष्ट्रपति चुनाव कब होंगे?
चुनाव आयोग के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होंगे। चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है और दस्तावेजों की जांच 22 अगस्त को होगी।
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