BSF Chief Nitin Agarwal Removed: बीते दिन गृह मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लेते हुए सीमा सुरक्षा बल (BSF) के डीजी नितिन अग्रवाल और स्पेशल डीजी वाईबी खुरानिया को पद छोड़ने का आदेश दे दिया है। BSF को नए डीजी और स्पेशल डीजी का इंतजार है। हालांकि BSF में हो रहे इतने बड़े फेरबदल को लेकर भी कई सवाल उठने लगे हैं। आइए जानते हैं गृह मंत्रालय के इस फैसले के आखिर क्या मायने हैं?
कौन हैं नितिन अग्रवाल?
नितिन अग्रवाल 1989 बैच के IPS ऑफिसर हैं। केरल कैडर में कई सालों तक सर्विस देने के बाद उन्हें पिछले साल जून में BSF का डीजी नियुक्त किया गया था। 31 जुलाई 2026 को वो इस पद से रियाटर होने वाले थे। मगर रिटायरमेंट के एक साल पहले ही उन्हें डीजी के पद से हटाकर उनके मूल कैडर केरल वापस भेज दिया गया। बता दें कि बतौर IPS ऑफिसर नितिन अग्रवाल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अतिरिक्त महानिदेशक रह चुके हैं।
The Appointments Committee of the Cabinet has approved the proposal of the Ministry of Home Affairs for the premature repatriation of YB Khurania, IPS, Special DG, BSF to his parent cadre with immediate effect. pic.twitter.com/VjgvHfw9do
— ANI (@ANI) August 2, 2024
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क्यों हुआ फेरबदल?
BSF के डीजी और स्पेशल डीजी के तबादले के बाद कई लोग जम्मू कश्मीर में बड़े फेरबदल के कयास लगा रहे हैं। हालांकि इस तबादले की वजह अभी तक सामने नहीं आई है लेकिन सूत्रों के अनुसार जम्मू कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों के कारण ये फेरबदल देखने को मिल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि संसद सत्र में आतंकी हमलों पर लगातार सवाल खड़े होते हैं। ऐसे में सरकार ने डीजी और स्पेशल डीजी को हटाकर बड़े स्तर पर कार्रवाई करने के संकेत दे दिए हैं। यही नहीं, सूत्रों ने यहां तक बताया कि स्पेशल डीजी वाईबी खुरानिया ओडिशा कैडर के होनहार IPS ऑफिसर हैं। उन्होंने BSF के पश्चिमी कमांड (भारत-पाकिस्तान सीमा) की कमान संभाली थी। स्पेशल डीजी के रूप में उनका कार्यकाल पहले ही पूरा हो चुका था। अब उन्हें ओडिशा वापस भेजा गया है। मुमकिन है कि कुछ महीनों में उन्हें ओडिशा का डीजीपी नियुक्त किया जा सकता है।
BSF पर है बड़ा दारोमदार
दरअसल BSF में लगभग 2.65 लाख जवान हैं। सीमा सुरक्षा बल यानी BSF देश की दो बड़ी सीमाओं की रखवाली करती है। भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की कमान BSF के हाथों में है। हालांकि पिछले कुछ दिनों में दोनों ही सीमाओं पर अस्थिरता देखने को मिली है। जहां जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले लगातार बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग सरहद पार करके भारत में अवैध एंट्री कर रहे हैं। मुमकिन है कि इन्हीं स्थितियों को संभालने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया होगा।
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