Which animal meat most consumed in Kashmir: कश्मीर में सबसे अधिक मटन खाया जाता है. यहां के तकरीबन सभी पारंपरिक व्यंजनों में मटन का इस्तेमाल होता है. मटन के बिना कश्मीर में शादी और दावतें भी अधूरी मानी जाती हैं. मटन को कश्मीरी खाने में अहम दर्जा हासिल है. कश्मीरी खाना कश्मीर की प्राचीन परंपरा पर आधारित है. ऋग्वेद में इस क्षेत्र के मांस खाने परंपराओं का उल्लेख है. यह आदत आज कश्मीर में बनी रहती है. कश्मीरी रसोई में मटन सबसे अधिक पसंद किया जाता है. यही वजह है कि कश्मीर में शादी, त्योहार या किसी भी पार्टी की दावत मटन के बिना अधूरी मानी जाती है.
मटन किस जानवर का मांस
न्यू फ्रेंच शब्द माउटन से हुई है मटन शब्द की उत्पत्ति, जिसका अर्थ है भेड़. मटन शब्द का प्रयोग आमतौर पर 2 वर्ष से अधिक उम्र की भेड़ और बकरे के मांस के लिए किया जाता है. आमतौर पर मटन खाने में काफी स्वादिस्ट होता हैं साथ ही यह मानव शरीर के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है. कश्मीर में मटन का इस्तेमाल लगभग हर बड़े व्यंजन में किया जाता है. मटन का इस्तेमाल सिर्फ रोजमर्रा के खाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विशेष अवसरों और त्योहारों में भी परोसा जाता है. हालांकि लोग चिकन और बीफ भी खाते हैं, लेकिन लोकप्रियता के मामले में मटन सबसे आगे रहता है.
कश्मीर की खानपान संस्कृति
रोगनजोश, यखनी, गोश्ताबा और रीस्ता जैसे पकवान कश्मीरी खाने की पहचान बन चुके हैं. ये सभी व्यंजन खास कश्मीरी मसालों से बनाए जाते हैं, जो इनके स्वाद को और भी विशिष्ट बनाते हैं. कश्मीर की खानपान संस्कृति में मटन सिर्फ एक भोजन नहीं, बल्कि परंपरा का हिस्सा है. यहां की मशहूर वजवान दावत लगभग पूरी तरह मटन के व्यंजनों पर आधारित होती है. शादी-ब्याह, त्योहार या किसी बड़े आयोजन में यह दावत खास आकर्षण रहती है.
ठंडे मौसम में पसंदीदा आहार
ठंडा मौसम भी मटन को पसंद किए जाने की एक बड़ी वजह है. यह गर्मी और ऊर्जा देता है, इसलिए लोग इसे सर्द जलवायु में विशेष रूप से पसंद करते हैं. कुल मिलाकर, कश्मीर का खानपान मटन के बिना अधूरा माना जाता है और यह स्थानीय संस्कृति की पहचान बन चुका है.










