WhatsApp Against New IT Rules Of India : इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप (WhatsApp) ने भारत में अपना कारोबार बंद करने की धमकी दी है। मेटा (Meta) के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने कहा है कि अगर उसे इसके मैसेजेस और कॉल्स के इंक्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में काम बंद कर देगी। दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि अगर हमसे इंक्रिप्शन ब्रेक करने के लिए कहा गया तो हम चले जाएंगे। यह मामला नए आईटी नियमों से जुड़ा हुआ है। जानिए ये नियम क्या हैं जिन्हें लेकर व्हाट्सएप इतना खफा है।
WhatsApp warns Delhi High Court: If compelled to compromise message encryption, it will cease operations in India. 🚨#WhatsApp #DelhiHighCourt pic.twitter.com/VoGOBw546O
---विज्ञापन---— India Pulse (@_indiapulse) April 26, 2024
सुनवाई के दौरान जब पीठ ने पूछा कि क्या अन्य देशों में भी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जा रहा है तो व्हाट्सएप के वकील ने कहा कि दुनिया में और कहीं भी इस तरह के नियम नहीं हैं। हमें एक पूरी श्रंखला रखनी होगाी और हम यह नहीं जानते कि हमसे किस मैसेज को डिक्रिप्ट करने के लिए कहा जाएगा। इसका मतलब है कि कंपनी को लंबे समय तक करोड़ों-अरबों मैसेज स्टोर करके रखने होंगे। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ व्हाट्सएप और मेटा की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें सोशल मीडया मध्यस्थों के लिए 2021 इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी (IT) नियमों को चुनोती दी गई है।
🚨 WhatsApp threatens to exit India in Delhi High Court if it is asked to break encryption.
Are they bigger than Indian law? ⚡
WhatsApp is challenging the 2021 IT rules for social media intermediaries requiring the app to trace chats & make provisions to identify the first… pic.twitter.com/F6J57Q7hv3
— Times Algebra (@TimesAlgebraIND) April 26, 2024
नियमों के तहत क्या है प्रावधान?
जिन नियमों का व्हाट्सएप ने विरोध किया है वह यह कहते हैं कि सोशल मीडिया मध्यस्थों को मैसेजिंग ऐप की चैट्स को ट्रेस करना होगा और कोई मैसेज कहां से पहली बार भेजा गया इसकी पहचान करने का प्रावधान बनाना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ट्विटर (अब एक्स), फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिया था कि वह आईटी नियम 2021 के नए नियमों का पालन करें। वहीं, इस मामले में केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वाले आपत्तिजनक कंटेंट जैसे मामलों में यह नियम खाफी महत्वपूर्ण है।
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