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क्या हैं नए IT Rules, जिन्हें लेकर WhatsApp ने दी भारत से कारोबार समेटने की धमकी

WhatsApp Threatens To Exit India: व्हाट्सएप और मेटा ने मैसेज की ओरिजिन को ट्रेस करने वाले आईटी नियमों का विरोध किया है। इनका कहना है कि यह नियम संविधान के खिलाफ है और निजता के अधिकार का हनन करता है। इस रिपोर्ट में जानिए ये नियम क्या हैं जिन्हें लेकर व्हाट्सएप ने भारत छोड़ने तक की बात कह दी है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Apr 27, 2024 13:18
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WhatsApp
Representative Image (Pixabay)

WhatsApp Against New IT Rules Of India : इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप (WhatsApp) ने भारत में अपना कारोबार बंद करने की धमकी दी है। मेटा (Meta) के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने कहा है कि अगर उसे इसके मैसेजेस और कॉल्स के इंक्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में काम बंद कर देगी। दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि अगर हमसे इंक्रिप्शन ब्रेक करने के लिए कहा गया तो हम चले जाएंगे। यह मामला नए आईटी नियमों से जुड़ा हुआ है। जानिए ये नियम क्या हैं जिन्हें लेकर व्हाट्सएप इतना खफा है।

सुनवाई के दौरान जब पीठ ने पूछा कि क्या अन्य देशों में भी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जा रहा है तो व्हाट्सएप के वकील ने कहा कि दुनिया में और कहीं भी इस तरह के नियम नहीं हैं। हमें एक पूरी श्रंखला रखनी होगाी और हम यह नहीं जानते कि हमसे किस मैसेज को डिक्रिप्ट करने के लिए कहा जाएगा। इसका मतलब है कि कंपनी को लंबे समय तक करोड़ों-अरबों मैसेज स्टोर करके रखने होंगे। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ व्हाट्सएप और मेटा की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिनमें सोशल मीडया मध्यस्थों के लिए 2021 इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी (IT) नियमों को चुनोती दी गई है।

नियमों के तहत क्या है प्रावधान?

जिन नियमों का व्हाट्सएप ने विरोध किया है वह यह कहते हैं कि सोशल मीडिया मध्यस्थों को मैसेजिंग ऐप की चैट्स को ट्रेस करना होगा और कोई मैसेज कहां से पहली बार भेजा गया इसकी पहचान करने का प्रावधान बनाना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ट्विटर (अब एक्स), फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश दिया था कि वह आईटी नियम 2021 के नए नियमों का पालन करें। वहीं, इस मामले में केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वाले आपत्तिजनक कंटेंट जैसे मामलों में यह नियम खाफी महत्वपूर्ण है।

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First published on: Apr 26, 2024 06:20 PM

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