Tetra Pack: दो प्रमुख व्हिस्की बनाने वाली कंपनी के बीच ट्रेडमार्क को लेकर चल रहे विवाद में सामने आया कि दक्षिण-पश्चिम भारत में उन कंपनियों की बिक्री का एक बड़ा हिस्सा छोटे टेट्रा पैक द्वारा किया जाता है. इस मामले के सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट भी हैरान हो गया. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए पूछा कि राज्य शराब की ऐसी पैकेजिंग की अनुमति क्यों दे रहे हैं. मनोनीत मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की एक पीठ ने कहा कि ‘यह बहुत खतरनाक है. यह जूस के टेट्रा पैक जैसा दिखता है. कल्पना कीजिए कि यह बच्चों के हाथों में पड़ जाए? माता-पिता और शिक्षकों को यह शक भी नहीं होगा कि टेट्रा पैक में नशीला पदार्थ है.’
अकेले कर्नाटक में टेट्रा पैक का कारोबार 65 प्रतिशत
यह पूरा मामला ‘ऑफिसर्स चॉइस’ व्हिस्की बनाने वाली एलाइड ब्लेंडर्स और ‘ओरिजिनल चॉइस’ व्हिस्की बनाने वाली कंपनी जॉन डिस्टिलर्स के बीच हुए विवाद का है. जॉन डिस्टिलर्स की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि दोनों कंपनियों की बिक्री लगभग 30000 करोड़ रुपये से अधिक है और अकेले कर्नाटक में टेट्रा पैक का कारोबार 65 प्रतिशत है. अपनी व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता में एक मोड़ तब आया जब दोनों कंपनियों ने एक-दूसरे द्वारा इस्तेमाल किए गए ट्रेडमार्क में सुधार की मांग करते हुए बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड (IPAB) के पास पहुंचा था. IPAB ने एक साझा आदेश जारी करते हुए दोनों याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि दोनों ट्रेडमार्क में ऐसा कुछ भी समान नहीं है. जिससे उपभोक्ता भ्रमित हों. इस मामले में 7 नवंबर को मद्रास उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने ‘ओरिजिनल चॉइस’ ट्रेडमार्क को ‘ऑफिसर्स चॉइस’ से समानता के कारण सुधारने का आदेश दिया.
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क्या समझौते की कोई संभावना है?
जिसके बाद इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी. जहां विभिन्न आकार की बोतलें और टेट्रा पैक पीठ को दिखाए गए. एलाइड ब्लेंडर्स की ओर से अधिवक्ता हरीश साल्वे, एएम सिंघवी और एनके कौल और जॉन डिस्टिलर्स की ओर से मुकुल रोहतगी और श्याम दीवान के बीच बहस हुई. पीठ ने पूछा कि ‘विभिन्न मंचों पर लड़ाई के बावजूद, क्या समझौते की कोई संभावना है?’ दोनों पक्षों द्वारा मध्यस्थता के माध्यम से समझौता करने पर सहमति जताने के बाद, पीठ ने सेवानिवृत्त सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश एल नागेश्वर राव से अनुरोध किया कि वे दोनों कंपनियों के व्हिस्की उत्पादों पर लेबल को लेकर चल रहे इस विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाएं.
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