नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को राहुल गांधी के ‘मोहब्बत की दुकान’ वाले बयान पर जमकर निशाना साधा। साथ ही भारतीय लोकतंत्र के प्रति उनके प्रेम और नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार पर भी सवाल उठाया। स्मृति ईरानी ने पूछा कि ये कैसा प्यार है जो सिखों का कत्लेआम करता है? ये कैसा प्यार है जो कोयला और चारा लूटने वालों का साथ दे? ये कैसा प्यार है जो सेंगोल का अपमान करता है? ये कैसा प्यार है जो अपनी ही संसद का बहिष्कार करता है? यह कैसा प्यार है जो ‘द केरला स्टोरी’ के आने पर बोलता नहीं है? यह कैसा प्यार है, जो भारत को कोसने वालों से हाथ मिलाता है और उन्हें गले लगाता है? यह कैसा प्यार है?
आज मोदी सरकार में महिलाएं सुरक्षित
दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्मृति ईरानी ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि आज सरकार में महिलाएं सुरक्षित हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश की हर आंगनवाड़ी को स्मार्ट फोन से जोड़ा और अब तक 11 लाख स्मार्ट फोन वितरित किए जा चुके हैं। 12 लाख ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस वितरित की जा चुकी हैं। हमने पोषण ट्रैकर नामक व्यवस्था स्थापित की, जिसके चलते 9 करोड़ से अधिक लाभार्थी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
"What kind of love is this that boycotts one's own parliament?" Smriti Irani's scathing attack on Rahul Gandhi's 'Mohabbat Ki Dukan'
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देश में 780 से ज्यादा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स
स्मृति ईरानी ने कहा कि एक समय था जब सरकार कहती थी कि महिला का उत्थान करो, अब वक्त ऐसा आया है जब हिंदुस्तान कहता है कि राष्ट्र का अगर उत्थान करना है तो महिला नित विकास आवश्यक है। भारत सरकार ने 1,023 फास्ट ट्रैक कोर्ट्स देश में स्थापित की हैं जिसमें से 418 कोर्ट विशिष्ट रूप से पॉक्सो कोर्ट हैं। देश में 780 से ज्यादा जिलावार ‘एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स’ काम कर रही हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई… इन 8 शहरों में ‘सेफ सिटी प्रोजेक्ट’ के लिए फंड उपलब्ध करवा दिया गया है। हमारा संकल्प था कि हर पुलिस स्टेशन में महिला हेल्प डेस्क बने, इसके अंतर्गत अब तक 13,550 हेल्प डेस्क विभिन्न थानों में बनवा दिए गए हैं।
कांग्रेस ने महिला सुरक्षा के लिए नहीं चलाया प्रोजेक्ट
खुद को घोषणाओं तक सीमित रखने वाली कांग्रेस सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए एक भी ऑपरेशनल प्रोजेक्ट नहीं किया। आज हमारे 9 वर्षों के कार्यकाल में हमारे मंत्रालय ने, निर्भया फंड के अंतर्गत राज्य सरकारों और भारत सरकार के अन्य प्रकल्पों के साथ 12 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स को अपरेज किया।