रिपोर्ट पवन मिश्रा
Super Feature Of Sukhoi-57: पिछले कुछ महीनों से कश्मीर में आतंकियो की चहलकदमी बढ़ गई है,हालांकि हमारे सुरक्षाबल इन्हें मौत के घाट उतार रहे है,लेकिन आतंकियो की गोलीबारी से हमारे शूरवीर भी शहीद हो रहे है। इसी बीच भारतीय सेना ने रूस के साथ मिलकर एक योजना पर काम कर रही है,जी हां अब बहुत जल्द ही पांचवी पीढ़ी का फाइटर विमान को तैयार करके सेना में शामिल किया जाएगा। हमारी सेना के पास फिलहाल जितने भी फाइटर एयरक्राफ्ट है, उसकी ताकत का अंदाजा हमारे दुश्मनों को है, लेकिन अगर यह फिफ्थ जेनरेशन का फाइटर प्लेन सेना में शामिल हो गया। तो इसकी ताकत का अंदाजा दुश्मन खेमा को लगाने में पसीने छूट जायेगे।
आपको बता दे कि यह एक ऐसा फाइटर जेट तैयार होने वाला है, जिसे दुश्मन देश की सेना ना तो देख पाएगी, ना पता लगा पाएगी और ना ही उस पर हमला कर पाएगी। और यह पहला मामला नही है जब इंडिया और रूस मिलकर जंगी समानों को बना रहे है। इससे पहले दोनों देश ब्रह्मोस मिसाइल बना चुके हैं।
आखिर क्या है सुखोई जेट
अब आपके मन मे एक सवाल जरूर उठ रहा होगा। कि आखिर सुखोई-57 फाइटर जेट है क्या,और इसके भारतीय सेना की बेड़े में शामिल होने का इंतजार भारतीय सैनिक क्यों कर रहे है। न्यूज़ 24 को सेना से मिली जानकारी के मुताबिक,इसके बन जाने के बाद यह एक ऐसा फाइटर जहाज होगा जो युद्ध के दौरान दुश्मन पर हमला करने के लिए तैयार रहेगा, दुश्मन की तरफ से हर तरह की कोशिश करने के बाद भी यह अत्याधुनिक ड्रोन और रडार के नजर में नही आ पायेगा। यानी यह रडार पर दिख नही पायेगा, यह आवाज की रफ्तार से हमला कर सकता है,यहां तक कि खतरे का एहसास इसे खुद ही हो जाएगा। और जमीन,आसमान और समुंदर में बिना देरी किये दुश्मन पर टूट पड़ेगा।
आसान शब्दो मे कहे तो यह फाइटर जहाज,सुखोई 30MKI और रफाल जैसे फाइटर प्लेन से भी ज्यादा घातक साबित होने वाला हैं। साथ ही फ्यूचर में अगर कोई भी चुनौतियां सामने आती है,जैसा कि रूस- यूक्रेन, और इजराइल -हमास के बीच देखने को मिल रहा हैं, तो यह फाइटर प्लेन मुकाबला करने के लिए, सक्षम साबित होगा। इस विमान को ज्यादा से ज्यादा हल्का बनाने की तैयारी भी है। विमान के बनने के बाद यह इंडियन एयरफोर्स का पहला फाइटर प्लेन साबित होगा जो रडार की नजरों से ओझल होकर उडान भरने की काबिलियत रखेगा। अगर आकड़ो पर गौर करे तो पिछले कुछ सालों में फिफ्थ जनरेशन यानी लेटेस्ट लड़ाकू विमानों ने हवाईयुद्ध के मायने बदल दिए हैं।
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दूसरे देश भी पॉवरफुल फाइटर जेट बनाने की कोशिश में
अगर दूसरे देश की बात करे, सभी इसी तरह की पॉवरफुल फाइटर जेट बनाने की कोशिश में लगे हुए है। लेकिन विंग कमांडर विश्वजीत के मुताबिक भारत के अलावा कोई भी दूसरा देश इस तरह का फाइटर विमान बनाने में सक्षम नही है। अगर वर्तमान में दूसरे देश की सेना की बात करे तो अमेरिका के पास F-35 और F-22, चीन का चेंगदू-20 के अलावा रूसी सुखोई-57 फिफ्थ जनरेशन का बढ़िया प्लेन है, सुखोई-57 को रूस ने अपनी एयर सेना में साल 2020 में शामिल किया था। और उसे सीरिया के अलावा यूक्रेन युद्ध में इसकी ताकत का इस्तेमाल किया है।
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सुखोई-57 की सुपर खासियत
यह एक बार में 1000 किलो से ज्यादा वजन के हथियार ले जा सकता है। आसमान में 66000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। मैक 2 यानी आवाज से दोगुनी रफ्तार से उड़ान भर सकता है इसके अलावा बिना एक्स्ट्रा ईंधन के 3500 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। इस फाइटर प्लेन में एक बार में 12 आर्म्स लगाए जा सकते हैं। जिनसे यह जमीन, आसमान या समुद्र में किसी भी निशाने को तबाह कर सकता है। अभी इंडियन एयरफोर्स के पास सुखोई-30 के अलावा फ्रांस से लिया गया रफाल फाइटर जेट्स हैं जो की फोर्थ जनरेशन का माना जाता है।