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क्या है ‘स्काई टॉर्च’ मिशन? जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का बड़ा प्रोजेक्ट, लॉन्च किए जाएंगे 52 सैटेलाइट

Indian Army Sky Torch Mission: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना ने स्काई टॉर्च मिशन लॉन्च करने की तैयारी तेज कर दी है। मिशन के तहत 52 सैटेलाइट लॉन्च किए जाने हैं। आइए जानते हैं कि यह मिशन क्या है? इस मिशन का मकसद क्या है और इसे कब तक लॉन्च किया जाना है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jul 2, 2025 12:26
Sky Torch Mission | Operation Sindoor | Satellite Launching
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने मिशन लॉन्च करने की तैयारी तेज कर दी है।

What Is Sky Torch Mission: पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम कर रहा है। भारत सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है, जिसका मकसद पाकिस्तान और चीन की निगरानी करना है। दोनों देशों की एक-एक गली और लोकेशन पर बाज की तरह नजर गड़ाकर रखनी है, ताकि उनकी हरकतों का पता चल सके। भारत सरकार एक स्काई टॉर्च लॉन्च करने जा रही है, जो ठीक उसी तरह काम करेगी, जिस तरह अंधेरे में टॉर्च काम करती है। धरती पर किसी भी जगह पर अंधेरा होने पर टॉर्च से कोई भी चीज देखी जा सकती है।

उसी तरह भारतीय सेना एक स्काई टॉर्च बना रही है, जिसे जल्दी ही अंतरिक्ष में लॉन्च किया जाएगा। यह टॉर्च दुश्मनों पर इतनी बारीकी से नजर रखेगी कि उनकी हरकतों की तस्वीरें तक कैप्चर हो जाएंगी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद इसकी जरूरत बढ़ गई है। दुश्मन पर और बारीकी से निगरारी रखना जरूरी हो गया है। हालांकि पहले भी अंतरिक्ष से दुश्मनों की निगरानी की जा रही है, लेकिन इस बार भारत ने बड़े लेवल पर तैयारी की है, जिसे जल्दी ही अमलीजामा पहना दिया जाएगा। इस तैयारी को ‘स्काई टॉर्च’ मिशन नाम दिया गया है। इस मिशन से समुद्र तट और सीमाओं की 24 घंटे निगरानी बढ़ जाएगी।

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क्या है ‘स्काई टॉर्च’ मिशन?

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना 52 सैटेलाइन लॉन्च करने की तैयारी में है। स्पेस बेस्ड सर्विलांस (SBS) प्रोग्राम के तीसरे फेज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने पिछले साल अक्टूबर में मंजूरी दी थी। मिशन पर 26968 करोड़ रुपये (3.2 बिलियर डॉलर) खर्च किए जाएंगे। मिशन के तहत 21 सैटेलाइन को इसरो लॉन्च करेगा और 31 सैटेलाइन 3 प्राइवेट कंपनियों की मदद से लॉन्च किए जाएंगे। पहला सैटेलाइट साल 2026 में अप्रैल महीने में लॉन्च किया जाना है।

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बाकी 51 सैटेलाइट साल 2029 तक लॉन्च करने का टारगेट है। रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी (DSA) नए लॉन्च किए जाने वाले सैटेलाइट की देखरेख करेगी। मिशन को रक्षा मंत्रालय के इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (IDS) के नेतृत्व में लॉन्च किया जाएगा। सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) और जियोस्टेशनरी ऑर्बिट में लॉन्च किया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर के बाद मिशन को लॉन्च करने का काम और तेज से किया जा रहा है। तीनों प्राइवेट कंपनियों को भी सैटेलाइट्स जल्द से जल्द बनाने को कह दिया गया है।

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हिंद महासागर रहेगा सैटेलाइट्स का फोकस

बता दें कि स्काई टॉर्च मिशन का फोकस चीन और पाकिस्तान रहेगा। हिंद महासागर पर नजर रखना रहेगा, ताकि पता चले कि हिंद महासागर में चीन अपना दबदबा किस तरह बढ़ा रहा है। तस्वीर भी बेहतरीन रिजोल्यूशन के साथ मिलें। इस मिशन के लॉन्च होने के बाद भारत और ज्यादा आत्मनिर्भर हो जाएगा। ट्रैकिंग के लिए दूसरें देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी।

ऑपरेशन सिंदूर की जांच के दौरान पता चला था कि पहलगाम आतंकी हमले की साजिश रचने वाले पाकिस्तान को चीन ने सैटेलाइट मदद दी थी। ऑपरेशन सिंदूर चलाते समय भारत ने भी कार्टोसैट और रीसैट जैसे भारतीय उपग्रहों की मदद ली, जिन्होंने रक्षा बलों को दुश्मन की गतिविधियों पर नज़र रखने में मदद की। हमले के प्रभाव की पुष्टि करने और मौजूदा स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराई, जिससे देश की सैन्य संपत्तियों को बड़ा नुकसान होने से बचाया जा सका।

First published on: Jul 02, 2025 12:21 PM

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