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क्या है BNS 2023 की धारा 227? चुनाव आयोग के शपथ पत्र में है जिसका जिक्र

Rahul Gandhi Election Commission: राहुल गांधी और चुनाव आयोग के बीच वोट चोरी के आरोपों के बाद ठन गई है। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से शपथ पत्र भरने को कहा है, जबकि नेता प्रतिपक्ष ने इससे इनकार किया है। राहुल गांधी को शपथ पत्र के साथ कुछ घोषणाएं भी करनी होंगी।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Pushpendra Sharma Updated: Aug 10, 2025 19:47
Rahul Gandhi Vote Theft ECI
राहुल गांधी ने वोट चोरी के लगाए आरोप। Credit- Screengrab

Rahul Gandhi Election Commission: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पिछले दिनों चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाए। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक प्रजेंटेशन दिखाई। जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनावों में फर्जी तरीके से मतदान करने के बारे में दावा किया गया। इन आरोपों के बाद से ही नेता प्रतिपक्ष और चुनाव आयोग के बीच ठनी है। जहां एक ओर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को इन साक्ष्यों को उपलब्ध करवाकर शपथ पत्र देने को कहा है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सांसद ने शपथ पत्र भरने से इनकार किया है। राहुल गांधी को शपथ पत्र भरने के साथ ही घोषणाएं भी करनी होंगी।

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से शपथ का एक फॉर्मेट दिया गया है। जिसमें रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल्स 1960 नियम 20 के तहत शपथ के साथ ही आरपी एक्ट 1950 की धारा 31 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 227 का जिक्र किया गया है। अगर राहुल गांधी ये शपथ पत्र भरते हैं तो इन वे धाराओं के दायरे में भी आ जाएंगे। आइए अब आपको इन दोनों धाराओं के बारे में बताते हैं।

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क्या है आरपी एक्ट 1950 की धारा 31?

जन प्रतिनिधि कानून (आरपी एक्ट) 1950 की धारा 31 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति मतदाता सूची की तैयारी या उसमें किसी भी तरह के सुधार या संशोधन के बारे में घोषणा कर सकता है। इसके साथ ही इलेक्टोरल रोल में से किसी भी एंट्री को हटाने या शामिल करने के बारे में बता सकता है। साथ ही अगर कोई व्यक्ति झूठी घोषणा करता है या उसकी ओर से की गई कोई भी घोषणा गलत पाई जाती है तो यह दंडनीय अपराध होगा। इसमें एक साल तक के कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।

क्या है BNS 2023 की धारा 227?

भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 227 झूठे साक्ष्य उपलब्ध कराने से संबंधित है। इसके अनुसार, अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठे एविडेंस देता है तो यह आपराधिक मामला है। इसमें सजा और जुर्माने दोनों का प्रावधान है। इसके तहत 3 साल तक की कैद या 5,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। इसके साथ ही अदालत की कार्यवाही के दौरान भी ये धारा लागू होती है। अगर कार्यवाही के दौरान झूठे साक्ष्य पेश किए जाते हैं तो 7 साल तक की कैद और 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

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राहुल गांधी ने क्या लगाए आरोप?

राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वोट चोरी का दावा किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में 1,00,250 वोटों की चारी की गई है। इस दौरान उन्होंने अवैध पते, बल्क वोटर, फेक एड्रेस और अवैध फोटो वाले मतदाताओं का दावा किया। राहुल गांधी ने वोट चोरी के खिलाफ एक कैंपेन भी चलाया है। उन्होंने एक पोर्टल http://votechori.in/ लॉन्च किया है। जिसके जरिए कोई भी वोट चोरी जैसी अपनी शिकायत या कोई सुझाव दर्ज करा सकता है।

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मेरा वचन ही मेरी शपथ: राहुल गांधी

चुनाव आयोग की ओर से राहुल गांधी को दिए गए जवाब पर नेता प्रतिपक्ष ने जवाब भी दिया है। राहुल गांधी का कहना है कि वह एक नेता हैं। मैं जनता से जो कहता हूं, वही मेरा वचन होता है। मेरा ऐसा सबके सामने सार्वजनिक रूप से कहे जाने को शपथ समझिए। हम चुनाव आयोग का ही डेटा दिखा रहे हैं।

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First published on: Aug 10, 2025 07:19 PM

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