किसान आंदोलन में भूमिका
पैरामिलिट्री फोर्स सेना से अलग होती है। यह आंशिक सैन्य बल का काम करती है। मसलन अगर नक्सल समस्या से निपटना हो तो अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जाती है। अहम इमारतों की जिम्मेदारी भी अर्द्धसैनिक बलों के पास होती है। वीवीआईपी सिक्योरिटी, मंदिरों या मस्जिदों की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों को ही लगाया जाता है। इसी तरह किसी बड़े आंदोलन से निपटना हो तो भी अर्द्धसैनिक बलों को ही भेजा जाता है। इसकी ताजा मिसाल किसान आंदोलन है। किसानों ने 'दिल्ली चलो' का हल्ला बोला, तो दिल्ली की सीमाओं पर अर्धसैनिक बलों की ही तैनाती की गई। ताकि वे आम लोगों की सुरक्षा और संपत्ति को नुकसान होने से बचा सकें।हमारे देश में 7 तरह के अर्धसैनिक बल
आपके जेहन में ये सवाल भी आ रहे होंगे कि सेना के रहते हुए हमारे देश को अर्धसैनिक बलों की जरूरत क्यों पड़ी? हमारे अर्धसैनिक बल किस तरह भारतीय सेना से अलग हैं। आज हम आपको बताएंगे कि अर्धसैनिक बल क्यों जरूरी हैं, लेकिन उससे भी पहले ये जान लेना जरूरी है कि हमारे देश में कितनी तरह के अर्द्धसैनिक बल हैं। फिलहाल हमारे देश में सात तरह के अर्धसैनिक बल यानी पैरामिलिट्री फोर्स हैं। इनमें- केद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स यानी CRPF, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी CISF, सीमा सुरक्षा बल यानी BSF, असम राइफल, इंडो तिब्बत पुलिस यानी ITBP, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड NSG और सशस्त्र सीमा बल यानी SSB शामिल हैं।क्या है अर्धसैनिक बल?
हमारी तीनों सेनाओं के कमांडर राष्ट्रपति होते हैं, लेकिन अर्धसैनिक बलों के साथ ऐसा नहीं है। अर्धसैनिक बलों की कमान गृह मंत्रालय के पास होती है और उसके सर्वेसर्वा गृह मंत्री होते हैं। फिलहाल हमारे देश में 10 लाख से भी ज्यादा अर्धसैनिक बल हैं और इनकी तैनाती भी अलग-अलग मकसद से देश के अलग अलग हिस्सों में होती है।CRPF यानी केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स
अब बात केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स की। जिसे आम तौर पर CRPF के नाम से जाता है। इसकी तैनाती नक्सल प्रभावित इलाकों में होती है। साथ ही किसी आंतरिक खतरे से निपटना हो, तो सीआरपीएफ को ही तैनात किया जाता है। इसके अलावा चुनावों के दौरान भी सीआरपीएफ की ही तैनाती की जाती है।BSF यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स
बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स...जैसा कि नाम से ही जाहिर है- इस बल की तैनाती सीमाओं पर की जाती है। बीएसएफ ही सीमा पर सुरक्षा का पहला चक्र तैयार करती है। सीमा सुरक्षा बल के रहते हुए दुश्मन देश की तरफ देखने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाता। फिलहाल बीएसएफ की तैनाती पाकिस्तान और बांग्लादेश बॉर्डर पर है।भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस
ITBP यानी भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस। इस बल की तैनाती भारत तिब्बत सीमा पर की गई है। दरअसल आईटीबीपी का गठन ही ऊंचाई वाले अभियानों को ध्यान में रखकर किया गया। इस बल को भारत और तिब्बत की सीमा पर शांति और सुरक्षा को बहाल रखने की दी गई। जो लद्दाख से लेकर म्यांमार तक फैली हुई है। आईटीबीपी के जवान तस्करों को रोकने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। यह भी पढ़ें: किसान आंदोलन के बीच पहली बार बोले PM मोदी, कही यह बड़ी बातअसम रायफल्स
असम रायफल्स की जिम्मेदारी असम में फैले उग्रवादी संगठनों पर नकेल कसना है। असम रायफल्स का गठन साल 1835 में कछार लेवी के नाम से किया गया। जिसका काम था जनजाति लोगों से अंग्रेजों की बस्तियां और चाय बगानों की रक्षा करना। आखिर में कई बदलावों के साथ साल 1917 में इसका नाम असम रायफल्स किया गया। असम रायफल्स ने सेकंड वर्ल्ड वॉर से लेकर 1962 के भारत चीन युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई है।सशस्त्र सीमा बल
सशस्त्र सीमा बल यानी SSB...जिसका गठन इस मकसद से किया गया था कि देश के सीमावर्ती इलाकों को महफूज किया जा सके। इसकी स्थापना साल 1963 में भारत चीन युद्ध के बाद स्पेशल सर्विस ब्यूरो के तौर पर की गई थी। साल 2001 में एसएसबी को इंडो नेपाल बॉर्डर के लिए लीड इंटेलिजेंस एजेंसी घोषित किया गया और इंडो नेपाल सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी इसे ही सौंपी गई। बाद में एसएसबी को भारत भूटान सीमा पर भी तैनात किया गया।केंद्रीय औद्योगिक बल
केंद्रीय औद्योगिक बल यानी CISF, जिसका गठन ही इस मकसद से किया गया ताकि देश के औद्योगिक संस्थानों या सामरिक संस्थानों को सुरक्षा दी जा सके। इसकी तैनाती स्पेस सेंटर, एटॉमिक एनर्जी डिपार्टमेंट, एयरपोर्ट, दिल्ली मेट्रो, बंदरगाहों, ऐतिहासिक इमारतों और बिजली कोयला और खनन जैसे विभागों में है।
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