West Bengal CM Mamata Banerjee and Governor CV Anand Bose Dispute: मनोज पांडे की रिपोर्टः पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बीच तकरार का माहौल बन गया है। हालांकि बंगाल में ये कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी सीएम ममता बनर्जी और बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच भी कई बार आरोप प्रत्यारोप का दौर चला था। ममता ने आरोप लगाया था कि धनखड़ राज्य में राज्यपाल रहते हुए भाजपा के लिए काम करते थे। वहीं ताजा विवाद को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर राज्य विधानसभा की ओर से पारित विधेयकों को अटकाए रखने का आरोप लगाया है। इस पर ममता ने राजभवन के बाहर धरने पर बैठने की धमकी दी है।
राज्यपाल पर लगाए ये आरोप
जानकारी के मुताबबिक पश्चिम बंगाल में ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बीच पश्चिम बंगाल दिवस को मनाने को लेकर भी टकरा देखा गया था। सीएम ममता ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय राज्यपाल के निर्देशों के अनुसार काम करना जारी रखेंगे, तो वह उनका वित्तपोषण रोक देंगी। राज्यपाल के कदम राज्य प्रशासन को बेकार बनाने की कोशिश हैं। वह विधानसभा की ओर से पारित एक भी विधेयक पास नहीं कर रहे हैं।
कानूनी कदम उठाने की दी चेतावनी
उन्होंने कहा कि यदि संघवाद सरकार के अधिकार छीनकर हस्तक्षेप कर रहा है, तो मुझे राजभवन के बाहर धरने पर बैठना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम इसका घोर विरोध करेंगे। हम पश्चिम बंगाल की जनता के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। बंगाल को लड़ना आता है। इसके लिए बस देखिए और इंतजार कीजिए। ममता ने कहा कि सरकार कानूनी कदम उठाएगी। राज्यपाल ने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर रविवार रात को सात विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की थी। जिन सात विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की गई, उनमें प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय, मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और बर्द्धमान विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। नौ अन्य विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों के नाम भी तय कर लिए गए हैं और उन्हें जल्द ही नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।
कुलपतियों की नियुक्ति पर उठाए सवाल
ममता ने कहा कि इतना ही नहीं राज्यपाल अपने मन मुताबिक सभी कुलपतियों की नियुक्ति कर रहे हैं। सीएम ने राज्यपाल को कड़े शब्दों में कहा है कि हम अब राजभवन के सामने धरने पर बैठ जाएंगे। कुलपतियों को पांच सदस्यीय समिति की ओर से सुझाए गए नामों में से चुना जाना चाहिए था, लेकिन राज्यपाल ऐसा कुछ भी नहीं कर रहे हैं। सीएम ममता बनर्जी ने उन्होंने कहा कि राज्यपाल सुझावों की परवाह किए बिना अपनी इच्छा से लोगों को नियुक्त कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा के एक व्यक्ति को आधी रात में यादवपुर विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया।
ममता ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल ने केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी को संवेदनशील आलिया विश्वविद्यालय का वीसी बनाया है। इसके अलावा कहा कि रवीन्द्र भारती विवि का वीसी ऐसे शख्स को बनाया है, जिनके पास कोई शैक्षिक अनुभव नहीं है। सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि हम ऐसा कतई नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा है, यदि राज्यपाल सोचते हैं कि वह सीएम से बड़े हैं, तो हम अपने हक के लिए लड़ेंगे।