West Bengal: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता और मदन मित्रा ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में हुए हत्याकांड के मुख्य आरोपी की सीबीआई हिरासत में मौत मामले में जांच की मांग की है। सीबीआई हिरासत में मुख्य आरोपी ललन शेख की मौत की जांच की मांग करते हुए टीएमसी नेता ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
मदन मित्रा ने कहा कि नरसंहार का आरोपी ललन शेख केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की हिरासत में था। एजेंसी ने उसे 4 दिसंबर को झारखंड से गिरफ्तार किया था, जहां वह इस साल मार्च से छिपा हुआ था। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सोमवार को सीबीआई हिरासत में घटना स्थल पर ले जाने के बाद उन्हें सीबीआई कैंपसाइट के बाथरूम में लटका हुआ पाया गया।
West Bengal | Locals along with family members of Bogtui case prime accused Lalan Sheikh, protest at Rampurhat CBI camp in Birbhum district. This comes after Lalan died by suicide in CBI custody. pic.twitter.com/BY9bFCUPvg
— ANI (@ANI) December 13, 2022
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ललन शेख के परिजनों ने किया विरोध प्रदर्शन
बोगतुई मामले के मुख्य आरोपी ललन शेख के परिजनों के साथ स्थानीय लोगों ने बीरभूम जिले के रामपुरहाट सीबीआई कैंप में विरोध प्रदर्शन किया। सीबीआई हिरासत में ललन की आत्महत्या से मौत के बाद परिजन मामले में जांच की मांग कर रहे हैं।
ललन की मौत का मामला गंभीर, जांच होनी चाहिए: मित्रा
मित्रा ने कहा, “ललन शेख की मौत मामले की गंभीर जांच होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “अगर लोगों को जांच से दिक्कत है तो वे सीबीआई जांच की मांग करते हैं। लेकिन अगर मुख्य आरोपी सीबीआई की हिरासत में फांसी पर लटकता हुआ पाया जाता है, तो लोगों का एजेंसी पर भरोसा कैसे होगा?” मित्रा से पूछा कि कमरहटी विधायक कौन हैं।
भाजपा पर साजिश का आरोप लगाते हुए टीएमसी नेता ने कहा, ‘सब कुछ बहुत रहस्यमय है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और दिलीप घोष सहित भाजपा नेताओं ने उल्लेख किया था कि दिसंबर में बंगाल में कुछ होगा और शुभेंदु अधिकारी ने स्पष्ट रूप से 12 दिसंबर की तारीख का उल्लेख किया था।”
21 मार्च को आठ लोगों की जिंदा जलाकर हुई थी हत्या
बता दें कि बोगतुई गांव में 21 मार्च को आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया था। एक और व्यक्ति ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया। हिंसा स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ता भादू शेख की हत्या के बाद हुई थी।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 25 मार्च को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। इस मामले का मुख्य आरोपी ललन शेख तब से फरार था।
सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, लालल शेख ड्यूटी पर तैनात एक अन्य सीबीआई कर्मी की हिरासत में था, जबकि मामले के दो जांच अधिकारी आधिकारिक काम के लिए अदालत गए थे। घटना शाम करीब साढ़े चार बजे की है, जब सीआरपीएफ के जवान साइट ऑफिस पर पहरा दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि शेख बाथरूम में गया और जब वह काफी देर तक बाहर नहीं आया तो कर्मचारी जांच करने के लिए अंदर गए तो उन्होंने उसे फांसी पर लटका हुआ पाया।