ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन की ओर से बड़ा बयान दिया गया है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, नौसेना पूरी तरह ऑपरेशन सिंदूर के लिए तैयार और तैनात है. उन्होंने साफ कहा कि भारत की रणनीति और योजनाओं में कोई रुकावट नहीं आई है, हम ऑपरेशन सिंदूर के लिए तैयार हैं. हमारी बाकी योजनाएं, अभ्यास और विदेशी देशों से साझेदारी भी जारी रहेगी. यह बहुत ही सिंपल मैसेज है.
हिंद महासागर में लगातार बढ़ रही बाहरी देशों की मौजूदगी
वाइस एडमिरल वात्स्यायन ने बताया कि हिंद महासागर क्षेत्र में बाहरी देशों (extra-regional powers) की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि, यह पहले भी थी और अब और बढ़ गई है. किसी भी समय इस क्षेत्र में 40-50 से ज़्यादा विदेशी जहाज सक्रिय रहते हैं.
उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारतीय नौसेना हर एक जहाज पर नजर रख रही है. उन्होंने कहा, ‘हमें पता है कौन कब आता है, कब जाता है. क्या कर रहा है और आगे क्या करेगा हम हर गतिविधि की निगरानी कर रहे हैं.’
वाइस एडमिरल ने यह भी कहा कि हिंद महासागर दुनिया के लिए तेल और माल ढुलाई का मुख्य मार्ग है और इसी वजह से यहां पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों तरह की चुनौतियां बनी रहती हैं. जैसे समुद्री डकैती, मानव तस्करी और ड्रग्स की तस्करी. उन्होंने कहा कि नौसेना इन सभी खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
नए जहाज और पनडुब्बियां शामिल
वाइस एडमिरल वात्स्यायन ने बताया कि इस साल नौसेना में 10 जहाज और एक पनडुब्बी शामिल की जा चुकी हैं. ‘दिसंबर तक चार और जहाज मिलने की उम्मीद है. अगले साल करीब 19 और जहाज नौसेना में शामिल होंगे और उसके अगले साल 13 जहाज डिलीवर किए जाएंगे.’
अमेरिका और रूस भी लेंगे हिस्सा
उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू और मिलन अभ्यास में अमेरिका और रूस दोनों देशों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, ‘दोनों देश अपने जहाज भेजेंगे. कुछ और विमानों के आने की भी संभावना है.’
वाइस एडमिरल के अनुसार, अब तक 55 से ज़्यादा देशों ने इन आयोजनों में शामिल होने की सहमति दी है. अभी चार महीने बाकी हैं, इसलिए यह संख्या और बढ़ सकती है. जैसे-जैसे भू-राजनीतिक हालात बदलेंगे, प्रतिभागी देशों की सूची में भी बदलाव हो सकता है.
भारत का स्पष्ट संदेश
वाइस एडमिरल वात्स्यायन के इस बयान को भारत का एक स्पष्ट और आत्मविश्वासी संदेश माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है, भारतीय नौसेना पूरी तरह तैयार और तैनात है और हिंद महासागर क्षेत्र में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए देश हर समय सतर्क है.


 
 










