लोकसभा में केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन बिल 2024 पेश किया। इस बिल को लंबी चर्चा के बाद पास करा लिया गया। सरकार की ओर से मोर्चा संभाला किरेन रिजिजू ने। किरेन रिजिजू ने बिल पर चर्चा की शुरुआत की। इससे पहले बीजेपी और उसके सहयोगियों ने तीन लाइन का व्हिप जारी किया। बिल को लेकर कुछ मुस्लिम संगठन सरकार के साथ है तो कुछ संगठन बिल का विरोध कर रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड ने बिल के पारित होने के बाद देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड जैसे संगठन भारत में ही या अन्य देशों में इस तरह की व्यवस्था है। आइये जानते हैं विश्व के अन्य मुस्लिम देशों में मुस्लिमों के लिए कौनसे बोर्ड काम कर रहे हैं?
कई देशों में वक्फ बोर्ड जैसा कुछ नहीं
विश्व के बड़े मुस्लिम राष्ट्रों में से एक तुर्की, लीबिया, मिस्त्र, सुडान, लेबनान, जाॅर्डन, ट्यूनीशिया, इराक और सीरिया जैसे इस्लामिक देशों में कोई वक्फ बोर्ड नहीं है। लखनऊ के प्रमुख इस्लामी विद्वानों की मानें तो दुनियाभर के कई देशों में वक्फ की जमीनें धार्मिक स्थलों के तौर पर मौजूद हैं। वक्फ की 90 प्रतिशत से ज्यादा संपत्तियां मस्जिदों, दरगाहों, कब्रिस्तानों और इमामबाड़ों के तौर पर मौजूद हैं। विद्वानों की मानें तो परंपरा शुरुआत से ही व्यक्तिगत स्तर पर रही है। किसी भी शासक या सम्राट की ओर से कोई अलग शुरुआत नहीं की गई।
सऊदी अरब में मिनिस्ट्री ऑफ वक्फ
दुनिया के इस्लामिक देशों में वक्फ बोर्ड की जगह पर एक मंत्रालय होता है। उदाहरण के लिए सऊदी अरब में मिनिस्ट्री ऑफ वक्फ है। इसी तरह कतर, इराक और यूएई में भी अलग मंत्रालय है। इन देशों में धार्मिक मामलों का मंत्रालय ही सारे निर्णय लेता है। इसके अलावा सभी सपंत्तियां भी इन्हीं मंत्रालयों के अधीन आती है।
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दुनिया के हर देश में वक्फ जैसी संस्थाएं
इतिहासकारों की मानें तो वक्फ जैसी व्यवस्थाएं दुनिया के देशों में अलग-अलग नाम और रूपों में मौजूद हैं। ऐसे में वक्फ बोर्ड की मौजूदगी भारत के बाहर अन्य देशों में भी मौजूद है। इस्लामी देशों में उनको किस नाम से जाना जाता है, इसके बारे में स्पष्ट जानकारी कहीं पर भी नहीं मिलती है। तुर्की में वक्फ को फाउंडेशन के नाम से जाना जाता है। वक्फ को कई देशों में संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के अंडर रखा जाता है। मिस्त्र में वक्फ मंत्रालय के नाम से अलग मंत्रालय है। जोकि मस्जिदों के निर्माण और देखरेख का काम करता है।
सबसे बड़े मुस्लिम राष्ट्र का क्या हाल?
दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम राष्ट्र इंडोनेशिया में बदन वकाफ इंडोनेशिया नाम की वक्फ संस्था हैं। यह संस्था वक्फ संपत्ति के इस्तेमाल के लिए समुदाय के लोगों का मार्गदर्शन करती है। इस संस्था के पास वक्फ संपत्ति के प्रबंधकों को नियुक्त करने और योजना बनाने का अधिकार है। यह संस्था बंदोबस्ती से संबंधित मामलों में भी सलाह देती है। इसके सदस्यों की नियुक्ति और बर्खास्तगी राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। संस्था के सदस्यों का कार्यकाल 3 साल का होता है। वहीं कुवैत में भी वक्फ और इस्लामी मामलों का मंत्रालय ऐसी संपत्तियों का प्रबंधन करता है।
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