Waqf Amendment Bill Approves : विपक्षी पार्टियों की कड़ी आपत्तियों के बावजूद संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। अब इस विधेयक में 14 बदलाव किए जाएंगे। जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने कहा कि बहुमत के आधार पर संशोधनों को स्वीकार किया गया, जिसमें 16 सदस्यों ने बदलावों का समर्थन किया और 10 सदस्यों ने इसका विरोध किया।
वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक हुई, जिसमें जमकर बवाल हुआ। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने हंगामा किया। इस मीटिंग में जहां सत्ता पक्ष के 14 संशोधनों को पारित किया गया तो वहीं विपक्ष के सभी संशोधनों को अस्वीकार किया गया। विपक्ष ने 44 संशोधन पेश किए थे। अब जेपीसी की अगली बैठक 29 जनवरी को होगी।
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14 संशोधनों पर जेपीसी की लगी मुहर
वक्फ संशोधन विधेयक पर बैठक के बाद जेपीसी के चेयरमैन और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि 44 संशोधनों पर विस्तार से चर्चा हुई। सभी सदस्यों से संशोधन मांगे गए थे और विपक्ष ने भी अपने सुझाव दिए थे। इसके बाद प्रत्येक संशोधन को आगे बढ़ाया और इसे मतदान के लिए रखा गया। एनडीए के संसदों ने बहुमत में वोट करके 14 संशोधन को पास कर दिया।
#WATCH | After the meeting of the JPC on Waqf (Amendment) Bill, 2024, its Chairman BJP MP Jagdambika Pal says, “…44 amendments were discussed. After detailed discussions over the course of 6 months, we sought amendments from all members. This was our final meeting… So, 14… pic.twitter.com/LEcFXr8ENP
— ANI (@ANI) January 27, 2025
‘मीटिंग में नहीं बोलने दिया गया’, टीएमसी सांसद का आरोप
जेपीसी की बैठक के बाद टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि उन्होंने आज वही किया, जो तय किया था। उन्हें बोलने नहीं दिया गया। किसी भी नियम या प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। शुरू में उन्होंने दस्तावेज, अभ्यावेदन और टिप्पणियां मांगी थीं, लेकिन सभी चीजें नहीं दी गईं। कल्याण बनर्जी ने कहा कि जगदंबिका पाल ने चर्चा ही नहीं होने दी। फिर वे संशोधन प्रस्ताव लेकर आए। सभी सदस्यों को संशोधन प्रस्ताव पर बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने खुद प्रस्ताव पेश किया, गिना और घोषणा की। सभी संशोधन पारित हो गए और उनके संशोधन खारिज कर दिए गए। यह लोकतंत्र का काला दिन है। जगदंबिका पाल लोकतंत्र के सबसे बड़े ब्लैकलिस्टर हैं। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है।
#WATCH | After the meeting of the JPC on Waqf (Amendment) Bill, 2024, one of its members – TMC MP Kalyan Banerjee says, “Today, they did whatever they had fixed. They didn’t allow us to speak. No rules or procedures have been followed. Initially, we had asked for documents,… pic.twitter.com/KwM7ndmdll
— ANI (@ANI) January 27, 2025
वफ्फ बोर्ड संशोधित बिल क्या है?
वक्फ संशोधन विधेयक के मुताबिक, जमीन पर दावा करने वाला व्यक्ति ट्रिब्यूनल के साथ रेवेन्यू, सिविल कोर्ट या हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है। साथ ही वफ्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल के आदेश को HC में चुनौती दे सकता है। जब तक कोई वक्फ बोर्ड को अपनी जमीन दान में नहीं देता, उस पर भले ही मस्जिद बनी हो तब तक वह संपत्ति वक्फ की नहीं होगी। वक्फ बोर्ड में 2 महिला और अन्य धर्म के 2 लोग भी सदस्य होंगे।
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जेपीसी ने इन 3 बदलावों को दी मंजूरी
1. कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं, इसे तय का अधिकार बिल में जिला कलेक्टर को दिया गया था, लेकिन कमेटी ने इसमें बदलाव करने की अनुशंसा की है। अब कलेक्टर के बजाए राज्य सरकार की ओर से नामित अधिकारी उसका फैसला करेगा।
2. बिल में प्रावधान है कि राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में दो गैर मुस्लिम सदस्य होंगे। अब बदलाव करके पदेन सदस्यों को इससे अलग रखा गया है। इसका मतलब ये हुआ कि नामित सदस्यों में से दो सदस्यों का गैर मुस्लिम होना अनिवार्य होगा।
3. नया कानून पूर्व प्रभावी लागू नहीं होगा, बशर्ते कि वक्फ संपत्ति पंजीकृत हो। हालांकि, कांग्रेस सांसद और जेपीसी सदस्य इमरान मसूद ने कहा कि वक्फ की 90 फीसदी संपत्तियां पंजीकृत नहीं हैं।