भारत में वक्फ संपत्तियों की बदहाल स्थिति और अनियमितताओं को देखते हुए वक्फ संशोधन बिल लाने की जरूरत महसूस की गई है। इस संशोधन से पारदर्शिता, डिजिटलीकरण और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा, जिससे वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से प्रबंधन हो सकेगा।
वक्फ संपत्तियों की दुर्दशा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में ₹1.2 लाख करोड़ की वक्फ संपत्तियां कुप्रबंधन और अतिक्रमण का शिकार हैं। वक्फ बोर्ड पर अक्सर संपत्तियों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।
संशोधन से क्या बदलेगा?
- संपत्तियों की ऑनलाइन रिकॉर्डिंग – वक्फ संपत्तियों का डेटा ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध होगा।
- पंजीकरण प्रक्रिया होगी ऑनलाइन – संपत्तियों का पंजीकरण अब डिजिटल रूप से होगा।
- छह महीने में देनी होगी जानकारी – वक्फ बोर्ड को अपनी सभी संपत्तियों का विवरण छह महीनों के अंदर देना अनिवार्य होगा।
- कड़े ऑडिट नियम – CAG द्वारा नियुक्त ऑडिटर्स वक्फ संपत्तियों की जांच करेंगे।
- न्यायिक सुधार – वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों के खिलाफ अब हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी।
- जांच प्रक्रिया होगी मजबूत – कलेक्टर स्तर से ऊपर के अधिकारी वक्फ मामलों की जांच करेंगे।
#WATCH | #WaqfAmendmentBill | BJP MP Anurag Thakur says, “This is not a Bill but UMMEED (Unified Waqf Management Empowerment, Efficiency and Development). This UMMEED has empowerment, efficiency and development. Looking at this, the people of the country are supporting it.… pic.twitter.com/iiYIjeWwSE
— ANI (@ANI) April 2, 2025
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क्यों जरूरी है यह संशोधन?
भारत में वक्फ बोर्ड 9.6 लाख एकड़ जमीन का मालिक है, लेकिन कुप्रबंधन और अतिक्रमण के कारण इसका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। कतर और तुर्की जैसे देशों में केंद्र सरकार की निगरानी में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन किया जाता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के संरक्षण, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करना है। इससे गरीब और जरूरतमंदों के लिए वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग हो सकेगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकेगी।