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‘कब्रिस्तान से कमाई नहीं होती, प्रियजनों को दफनाने आते हैं लोग’, सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल की दलील

Waqf Amendment Act: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई। मुस्लिमों की ओर से कपिल सिब्बल ने बेंच के सामने दलीलें पेश कीं। 5 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आज अंतरिम फैसला सुनाया जा सकता है।

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: May 20, 2025 12:36
Waqf Amendment Act 2025
Waqf Amendment Act 2025

वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ दायर की गई 5 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल ही है। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच सुनवाई कर रही है। केंद्र सरकार के पक्षकार जनरल सॉलिसिटर तुषार मेहता हैं। मुस्लिमों के पक्षकार वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल हैं। आज सुनवाई शुरू होते ही कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश की और कहा कि वक्फ कानून वक्फ संपत्ति को कैप्चर करने के लिए लाया गया है।

वक्फ संशोधन कानून 2025 वक्फ की सुरक्षा के उद्देश्य से लाया गया है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह वास्तव में गैर-न्यायिक, कार्यकारी प्रक्रिया के माध्यम से वक्फ पर कब्जा करने के लिए बनाया गया है। निजी संपत्तियां केवल विवाद के कारण छीनी जा रही हैं। हम विवाद की प्रकृति नहीं जानते। विवाद को देखने के लिए कलेक्टर से ऊपर एक अधिकारी नियुक्त किया जाता है और इस बीच संपत्ति छीन ली जाती है, जो सरासर अन्याय है।

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कपिल सिब्बल ने दिया CJI के सवाल का जवाब

कपिल सिब्बल की दलील सुनने के बाद CJI बीआर गवई ने सवाल पूछा कि क्या बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए ऐसा हो रहा है? सिब्बल ने जवाब दिया कि सरकार अपनी प्रक्रिया खुद तय करती है, कोई भी विवाद पैदा कर सकती है। यह एक पहलू है। दूसरा पहलू, वक्फ क्या है? यह अल्लाह (ईश्वर) को दिया गया दान है। उसके अनुसार संपत्ति हस्तांतरित नहीं की जा सकती।

वक्फ हमेशा वक्फ रहता है। इसके पीछे ऐतिहासिक कारण यह है कि हमारे संविधान के तहत राज्य धार्मिक संस्थाओं को वित्तपोषित नहीं कर सकता। अगर मस्जिद है तो राज्य वित्तपोषित नहीं कर सकता। अगर कब्रिस्तान है तो उसे निजी संपत्ति से बनाना पड़ता है। इसमें कोई कमाई नहीं होती, लोग अपने प्रियजनों को दफनाने के लिए आते हैं।

कोर्ट ने पूछा कि क्या वक्फ बाय यूजर प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान पहले से था? तो कपिल सिब्बल ने कहा कि वक्फ बाय यूजर प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन की जरूरत कानून में पहले से थी, पर पहले ऐसा नहीं था कि रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर उसका वक्फ प्रॉपर्टी का स्टेटस खत्म हो जाएगा। कोर्ट ने सिब्बल की इस दलील को रिकॉर्ड पर लिया।

कपिल सिब्बल ने कहा कि नए कानून में व्यवस्था है कि प्रॉपर्टी को वक्फ करने के लिए कम से कम 5 साल इस्लाम धर्म का पालन करना होगा, लेकिन हमें किसी को क्यों बताना चाहिए कि मैं कब से इस्लाम मानता हूं। इसके जांचने का तरीका क्या होगा?

कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर वक्फ की किसी प्रॉपर्टी पर यह दावा किया जाता है कि वह सरकारी संपत्ति है और कमिश्नर इसकी जांच करना शुरू कर देता है तो उसकी जांच के शुरू होने के वक्त से उसका वक्फ प्रॉपर्टी का स्टेटस नहीं माना जाएगा। जांच के नतीजे पर पहुंचने का इतंजार नहीं करना होगा। यह प्रावधान अपने आप में मनमाना है।

First published on: May 20, 2025 12:12 PM

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