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अब जवान ही नहीं मधुमक्खियां भी करेंगी बॉर्डर पर सुरक्षा, बीएसएफ ने लॉन्च किया मिशन हनी

Vibrant Village Programme BSF pilot project: बीएसएफ के जवानों ने भारत- बांग्लादेश की सीमा पर मधुमक्खी पालन व मिशन हनी प्रयोग के तौर पर एक अग्रणी परियोजना शुरू की है। इस परियोजना के जरिए भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठियों-तस्करों पर रोक के साथ-साथ किसानों को भी फायदा मिलेगा।

Edited By : khursheed | Updated: Nov 8, 2023 12:16
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अब जवान ही नहीं मधुमक्खियां भी करेंगी बॉर्डर पर सुरक्षा, बीएसएफ ने लॉन्च किया मिशन हनी

Vibrant Village Programme BSF pilot project: कोलकाता, (मनोज पांडे)। बीएसएफ के जवानों ने भारत-बांग्लादेश की सीमा पर मधुमक्खी पालन व मिशन हनी प्रयोग के तौर पर एक अग्रणी परियोजना शुरू की है जो मधुमक्खी पालन और मिशन शहद को बढ़ावा देगी। यह परियोजना माननीय प्रधानमंत्री द्वारा निर्देशित “वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम” के तहत सीमावर्ती गांवों में समग्र विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप मे शुरू की जा रही है। इससे न केवल सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और तस्करी रुकेगी बल्कि किसानों को भी फायदा मिलेगा।

इस अभिनव योजना के तहत, मधुमक्खी बक्से को रणनीतिक रूप से सीमा बाड़ के निकट स्थापित किया गया है। मधुमक्खी के बक्से को जमीन से थोड़ा ऊपर मधुमक्खियों के अनुकूल फल फूलों के पौधों से घिरे हुए इलाके में फेसिंग के नजदीक रखा गया है। इससे मधुमक्खियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होता है, साथ-साथ मधुमक्खियां घुसपैठियों और तस्करों को सीमा बाड़ के साथ छेड़छाड़ करने से रोकने में भी सहायक सिद्ध हो सकती है। मधुमक्खियां सीमा की सुरक्षा और अनधिकृत प्रवेश को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने मे कारगर सिद्ध हो इसके लिए एक सीरीज में मधुमक्खियों के डिब्बे लगाने का एक अनूठा प्रयास किया जा रहा है।

BSF ने भारत-बांग्लादेश बाड़ पर लगाए मधुमक्खी के छत्ते

खेती और विभिन्न फूलों वाले पौधों के रोपण को प्रोत्साहित किया

भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र अपनी समृद्ध जैव विविधता और दोनों तरफ घने जंगलों के लिए जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, स्थानीय किसान गहन खेती में संलग्न हैं, जिससे मधुमक्खियों के लिए साल भर भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित होती है। ग्रामीणों के बीच सरसों की खेती और विभिन्न फूलों वाले पौधों के रोपण को प्रोत्साहित किया गया है, जिससे मधुमक्खियों की भोजन आपूर्ति में और मदद मिलेगी। परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए, ग्रामीणों को शहद मधुमक्खी पालन के लाभों और उनके सुनिश्चित विकास के लिए इसकी क्षमता के बारे में शिक्षित किया गया है। ग्रामीणों और किसानों ने सीमावर्ती क्षेत्र में इस एकीकृत विकास पहल को लाने के लिए बीएसएफ की सराहना की और अधिक ग्रामीणों को इसमें शामिल करने का वादा किया।

सीमा सुरक्षा और ग्रामीण विकास दोनों के लिए बीएसएफ की प्रतिबद्धता

एके आर्य डीआइजी ने पारंपरिक खेती के तरीकों की तुलना में पर्याप्त लाभों पर प्रकाश डालते हुए मधुमक्खी पालन और शहद मिशन से जुड़े फायदों का व्यापक अवलोकन प्रदान किया। उन्होंने आगे कहा कि सीमा सुरक्षा और ग्रामीण विकास दोनों के लिए बीएसएफ की प्रतिबद्धता है। यह उन नवोन्वेषी समाधानों का उदाहरण है जो सीमावर्ती क्षेत्रों को जीवंत, आत्मनिर्भर समुदायों में बदल सकते हैं। जैसे-जैसे पायलट परियोजना आगे बढ़ती है, बीएसएफ का लक्ष्य इस पहल को भारत-बांग्लादेश सीमा के साथ और अधिक गांवों तक विस्तारित करना है, जिससे क्षेत्र में विकास, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा मिले।

First published on: Nov 08, 2023 12:07 PM
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