Trapped labourer speaks to his son : उत्तराखंड के चारधाम मार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग ढहने से फंसे 40 मजदूरों में से एक गब्बर सिंह नेगी ने मंगलवार को अपने बेटे से बात की है। उनके बेटे आकाश सिंह नेगी ने पीटीआई को बताया कि उसने पाइप के जरिए अपने पिता से कुछ सेकंड के लिए बात की है, पाइप का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि फंसे हुए श्रमिकों को ऑक्सीजन की आपूर्ति ठीक तरीके से पहुंच रही है अथवा नहीं। आकाश के पिता का कहना है कि बातचीत महज कुछ सेकंड तक चली। आकाश ने कहा कि वे सुरक्षित हैं। उन्होंने हमसे चिंता न करने को कहा है।
पुलिसकर्मियों ने दी अनुमति
आकाश सिंह नेगी ने कहा, शुरुआत में पुलिसकर्मियों ने हमें अंदर फंसे लोगों से बात करने की अनुमति नहीं दी। जब मैंने इंस्पेक्टर को आश्वस्त किया कि एक रिश्तेदार की बात सुनने से फंसे हुए मजदूरों के साथ-साथ संबंधित परिवार के सदस्यों को भी सुकून मिलेगा और बचाव की उनकी उम्मीद मजबूत होगी, तो वह मान गए।
चिंता करने की आवश्यकता नहीं
उन्होंने अधिकारियों के हवाले से कहा कि उन्हें चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि जिस स्थान पर मजदूर फंसे हैं, उससे 2 किमी आगे सुरंग साफ और खाली है। अधिकारियों ने बताया कि ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच बन रही सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह भूस्खलन के बाद ढह गया। जिला आपातकालीन ऑपरेशन केंद्र द्वारा जारी फंसे हुए श्रमिकों की सूची के अनुसार, 15 झारखंड से, आठ उत्तर प्रदेश से, पांच उड़ीसा से, चार बिहार से, तीन पश्चिम बंगाल से, दो-दो उत्तराखंड और असम से और एक हिमाचल से हैं।