Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर चल रहा है। 12 नवंबर को टनल धंसने से यह हादसा हुआ था, जिसमें 41 मजदूर फंस गए थे। मजदूरों को पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है। मजदूरों तक छह इंच की पाइपलाइन के जरिए खिचड़ी भेजी गई। साथ ही एंडोस्कोपिक कैमरे से उन्हें देखने की कोशिश की गई। आज यानी मंगलवार को तड़के सुबह मजूदरों तक कैमरा (एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा) भेजा गया, ताकि उनकी हालत का पता लगाया जा सके और उनसे संपर्क स्थापित हो सके।
कैमरे से रिकॉर्ड किया गया वीडियो भी सामने आया है। इस कैमरे से मजदूरों को उम्मीद की किरण मिली है। आखिर एंडोस्कोपिक कैमरा है क्या? बता दें कि एंडोस्कोपिक कैमरा मनुष्य के शरीर की जटिल और सूक्ष्म रोगों की जांच में इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर डॉक्टर ही बीमारियों का पता लगाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। यह कैमरा बहुत आधुनिक और तकनीकी से युक्त है। सबसे आधुनिक कैमरे में ‘चिप-ऑन-टिप’ तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड): एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा फंसे मजदूरों तक पहुंचा। बचावकर्मी वॉकी-टॉकी के माध्यम से फंसे हुए श्रमिकों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।
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---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 21, 2023
क्यों चुना गया इसी कैमरे को
यह कैमरा अंधेरे में भी तस्वीरें ले सकता है, क्योंकि इसके ऊपर एलईडी लाइट लगी होती है। इसमें फोटो बहुत क्लियर भी दिखती है। यह बहुत छोटा होता है इसलिए आसानी से कहीं भी भेजा जा सकता है। छोटी साइज और शेप ही वजह है कि सुरंग के एक छोटे छेद की पाइपलाइन से इसे भेजा जा सका है। यह बहुत ही एडवांस टेक्नोलॉजी है। इस कैमरे के सुरंग के अंदर पहुंचने से अब फंसे हुए मजदूरों की तस्वीरें लेना आसान हो गया है।
पीएम मोदी ने ली जानकारी
वहीं बचाव कार्य में लगे हुए लोग वॉकी-टॉकी के माध्यम से भी मजदूरों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। पीएम मोदी और राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए हैं और इसकी जानकारी ले रहे हैं। पीएम मोदी ने सीएम से फोन पर बात करके राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली। सुरंग के उपर से यानी वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है।