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Trump ने भारत पर लगाया रेसिप्रोकल टैरिफ, क्या होता है यह टैरिफ, भारत पर क्या पड़ेगा इसका प्रभाव?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की बात कही है। इससे भारत के टेक्सटाइल और वस्त्र उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, सीफूड (झींगा निर्यात) जैसे सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Author Written By: Raghav Tiwari Author Edited By : Raghav Tiwari Updated: Aug 1, 2025 10:35
क्रेडिट- सोशल मीडिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। इसके साथ ही ट्रंप ने भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की बात कही है। अभी तक अमेरिका भारत के प्रोडक्टस पर औसतन 10% टैरिफ लगाता था। अमेरिका में भारत टेक्सटाइल और वस्त्र उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, सीफूड (झींगा निर्यात), ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स जैसे सेक्टर सबसे ज्यादा उत्पाद भेजते हैं। 25% टैरिफ लगने से सबसे ज्यादा इन्हीं सेक्टर पर फर्क पड़ेगा।

70 देशों पर पड़ेगा असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 से 40 प्रतिशत तक रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs) के आदेश पर साइन कर दिया है। रेसिप्रोकल टैरिफ का असर दुनिया के करीब 70 देशों पर पड़ेगा। अभी तक अमेरिका ज्यादातर देशों पर औसतन 10 % टैरिफ लगाता था और बाकी देश अपनी इकोनोमी बढ़ाने के लिए अमेरिका पर ज्यादा टैरिफ लगाते थे। अब रेसिप्रोकल टैरिफ के जरिए अमेरिका भी बाकी देशों से मोटा टैरिफ वसूलेगा।

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क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ?

रेसिप्रोकल टैरिफ को या पारस्परिक शुल्क भी कहते हैं। इसका मतलब है कि जैसे को तैसा। कोई देश जिस देश पर जितना टैरिफ वसूलता को वह देश भी उस देश से उतना टैरिफ वसूल सकता है। मान लीजिए अगर देश A ने देश B के उत्पादों पर 20% रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है तो देश B भी देश A के उत्पादों पर 20% शुल्क लगा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कर चुके हैं कि भारत, चीन, कनाडा अमेरिका पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं। इसलिए हम भी उतना ही टैक्स वसूलेंगे।

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अब भारत के पास क्या हैं विकल्प?

टैरिफ बढ़ने से अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की कमी हो सकती है। इससे बचने के लिए भारतीय कंपनियां अमेरिका कंपनियों के साथ मिलकर प्रोडक्ट बना सकता हैं। इसके अलावा भारतीय कंपनियां यूरोप और आसियान जैसे बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास कर सकती हैं।

टैरिफ वॉर से हो सकती है ट्रैड वॉर

अमेरिका कई दिनों से टैरिफ कम ज्यादा कर रहा है। 25 प्रतिशत टैरिफ बढ़ने के बाद भी अमेरिका का यह अंतिम कदम नहीं माना जा रहा। विशेषज्ञों का मानना है कि हर सेक्टर रोजाना उत्पाद बनाता है। हर दिन टैक्स बदलने से कंपनियों पर भारी असर पड़ेगा। सेक्टर को नुकसान होने पर विदेश में ग्राहक भी प्रभावित होंगे और वह दूसरे विकल्प की तरफ जा सकते हैं। यह सामान्य नुकसान होने की वजह ट्रैड वॉर का रूप भी ले सकता है।

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First published on: Aug 01, 2025 08:26 AM

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