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UP news: लखनऊ जूलॉजिकल पार्क में नर बाघ ‘किशन’ की मौत, पिछले 13 साल से कैंसर से था पीड़ित

UP News: लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल पार्क में कैंसर से पीड़ित नर बाघ किशन का निधन हो गया। बाघ को 1 मार्च 2009 को किशनपुर टाइगर रिजर्व से रेस्क्यू कर लखनऊ के जूलॉजिकल पार्क लाया गया था। नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान की तरफ से इसकी जानकारी दी गई। कहा गया कि […]

Author Edited By : Om Pratap Updated: Dec 31, 2022 09:33
Kishan male tiger

UP News: लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल पार्क में कैंसर से पीड़ित नर बाघ किशन का निधन हो गया। बाघ को 1 मार्च 2009 को किशनपुर टाइगर रिजर्व से रेस्क्यू कर लखनऊ के जूलॉजिकल पार्क लाया गया था। नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान की तरफ से इसकी जानकारी दी गई।

कहा गया कि शुक्रवार सुबह प्राणी उद्यान में कैंसर से ग्रसित नर बाघ किशन ने अंतिम सांस ली। कहा गया कि इस नर बाघ को 1 मार्च 2009 में किशनपुर टाइगर रिजर्व कांपटाडा दुधवा नेशनल पार्क से रेस्क्यू कर लखनऊ स्थित प्राणी उद्यान लाया गया था। यह बाघ 2008 से स्थानीय मानव जीवन के लिए खतरा बन गया था। कई महीने के अथक प्रयास के बाद बाघ किशन को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया था।

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हिमेन्जियोसार्कोनोम से पीड़ित था ‘किशन’

जानकारी दी गई कि प्राणी उद्यान लखनऊ लाने के बाद बाघ किशन की मेडिकल जांच की गई तो जानकारी मिली कि यह बाघ हिमेन्जियोसार्कोनोमा नाम के कैंसर से पीड़ित है। यह कैंसर कान और मुंह के पास फैला हुआ था, जिसके कारण यह सामान्य रूप से वन जीवों का शिकार करने में पूरी तरह से सक्षम नहीं था और इसी लिए ये मानव जीवन के लिए खतरा बना हुआ था।

13 साल तक कैंसर से जूझता रहा ‘किशन’

पिछले 13 साल से ज्यादा समय से किशन लखनऊ प्राणी उद्यान में रह रहा था और इसकी स्वास्थ्य की लगातार देखभाल की जा रही थी। समय के साथ आयु के बढ़ने और कैंसर से पीड़ित होने के बाद भी किशन एक समान्य बाघ की तरह व्यवहार करता था। अपने अंतिम कुछ दिनों में किशन ने सामान्य रूप से खाना खाना छोड़ दिया था और उसने घूमना-फिरना भी कम कर दिया था। 13 साल के बाद कैंसर के चलते शुक्रवार यानी 30 दिसंबर को किशन की मौत हो गई।

प्राणी उद्यान के डायरेक्टर वीके मिश्र, वन्य जीव चिकित्सकों और प्राणी उद्यान के स्टाफ की ओर से नर बाघ किशन को अंतिम विदाई दी गई। कहा गया कि बाघिन कजरी वर्तमान में खाना खा रही है लेकिन बेहद वृद्ध होने के चलते कजरी की भी हालत चिंताजनक बनी हुई है। इसके ठंड से बचाव के लिए हीटर आदि का प्रबंध किया गया है।

First published on: Dec 31, 2022 09:33 AM

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