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INDIA के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकती है BSP, चुनावी मैदान से दूर मायावती का यह प्लान हुआ डिकोड

लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा सुप्रीमो मायावती प्रचार की राजनीति से दूर एक अलग ही योजना पर काम कर रही हैं। जानकारों की मानें तो बसपा ने इस बार के चुनाव में मुस्लिम, ब्राह्मण और ओबीसी उम्मीदवारों पर दांव खेला है। ऐसे में लग रहा है कि पार्टी आकाश आनंद के नेतृत्व में नया प्रयोग कर रही है।

Edited By : Amit Kumar | Updated: Apr 16, 2024 10:37
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UP Lok Sabha Election 2024
बसपा सुप्रीमो मायावती और उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद.

UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण के मतदान में 2 दिन का समय शेष है। 19 अप्रैल को देशभर के 18 राज्यों की 102 सीटों पर मतदान होगा। मतदान से पहले सभी दल प्रचार में व्यस्त हैं। इस बीच यूपी में भी पहले चरण में 8 सीटों पर मतदान होगा। यूपी में इस बार बसपा के प्रचार का शोर नजर नही आ रहा है। मायावती प्रचार से दूर हैं। ऐसे में सपा और कांग्रेस, बसपा को बीजेपी बी टीम होने का आरोप लगाते हैं जो इस चुनाव में कहीं न कहीं चरितार्थ होता नजर भी आ रहा है। पार्टी ने अब तक प्रदेश की 80 में से 57 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया है। बसपा ने अभी तक 11 मुस्लिमों को टिकट दिया है। ये सभी सीटें पश्चिमी यूपी में आती हैं। वहीं बसपा का फोकस इस बार मुस्लिमों पर अधिक है। ऐसे में पार्टी जाटव, दलित और ब्राहाण वोटों से हटकर मुस्लिमों पर ज्यादा फोकस क्यों कर रही हैं? आइये जानते हैं इस विश्लेषण में।

बसपा ने इस बार के चुनाव में मुस्लिमों के अलावा अकबरपुर से राकेश द्विवेदी, मिर्जापुर से मनीष त्रिपाठी, उन्नाव से अशोक कुमार पांडे, फैजाबाद से सच्चिदानंद पांडे, बस्ती से दयाशंकर मिश्रा जैसे ब्राह्मण चेहरों पर दांव खेला है। इसके अलावा पार्टी ने दलित और पिछड़े नेताओं को भी मौके दिए हैं। बसपा का चुनावी कैंपेन इस बार मायावती की बजाय उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने संभाला हैं। बसपा के चुनावी कैंपेन का आधार पंरपरागत दलित राजनीति की जगह पर मुस्लिमों ने ले ली है। आकाश आनंद प्रचार के दौरान बाबरी विध्वंस का मुद्दा उठा रहे हैं। बसपा ने गोरखपुर से जावेद मिसनानी को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से बसपा ने पहली बार किसी मुस्लिम उम्मीदवार को प्रत्याशी बनाया है। 2019 के चुनाव में उसने यह सीट सपा के लिए छोड़ दी थी।

एटा से BSP ने पूर्व कांग्रेस सांसद को बनाया प्रत्याशी

गोरखपुर में मुस्लिमों के साथ-साथ निषाद वोटर अच्छी तादाद में है। भाजपा ने यहां से भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन को प्रत्याशी बनाया है। वहीं एटा से BSP ने पूर्व कांग्रेस नेता मोहम्मद इरफान को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा के दिवंगत नेता कल्याण सिंह करते थे। उनके बेटे राजवीर सिंह दो बार इस सीट से जीत चुके हैं। एसपी ने इस सीट से शाक्य को उम्मीदवार बनाया है। एटा में शाक्य वोटों की बड़ी तादाद है इसके अलावा मुस्लिम और ओबीसी वोट भी खासा प्रभाव रखते हैं। वहीं बसपा ने वाराणसी से पीएम मोदी के सामने अतहर जमाल को मैदान में उतार सकती है। बसपा ने पिछले दो चुनावों में पीएम मोदी के खिलाफ कोई मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा था। हालांकि 2009 में पार्टी मुरली मनोहर जोशी के सामने मुख्तार अंसारी को उतार चुकी है। कांग्रेस ने पीएम मोदी के सामने अजय राय को उतारा है।

राजनाथ के सामने सरवर मलिक को बनाया प्रत्याशी

सहानपुर से बसपा ने मौजूदा सांसद हाजी रहमान की जगह पर माजिद अली को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट से इमरान मसूद को प्रत्याशी बनाया है।  मुजफ्फरनगर में मायावती ने दारा सिंह प्रजापति को प्रत्याशी बनाया हैं। जोकि अतिपिछड़ा से आते हैं। सपा ने हरेंद्र मलिक को, तो भाजपा ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान पर एक बार फिर भरोसा जताया है। पार्टी ने कन्नौज से सुब्रत पाठक के खिलाफ इमरान बिन जफर को उतारा है जबकि लखनऊ सीट से राजनाथ सिंह के खिलाफ सरवर मलिक को मैदान में उतारा है।

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बसपा ने घोसी से वर्तमान सांसद अतुल राय की जगह बालकृष्ण चौहान को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से एनडीए ने ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर को प्रत्याशी बनाया हैं। जबकि एसपी ने राजीव राय को मैदान में उतारा है। इसके अलावा पूर्वांचल में पार्टी ने आजमगढ़ से भीम राजभर, राॅबर्ट्सगंज से धनेश्वर गौतम और चंदौली से सत्येंद्र कुमार मौर्य को मैदान में उतारा हैं।

2022 के विधानसभा चुनाव में एक सीट पर सिमट गई पार्टी

बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने सिर्फ एक सीट पर जीत दर्ज की थी। इतना ही नहीं पार्टी के वोट शेयर में गिरावट देखी गई। जबकि 2019 का लोकसभा चुनाव बसपा ने एसपी के साथ गठबंधन कर लड़ा था। इस दौरान बसपा ने 19 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 10 सीटें भी जीतीं। इससे पहले 2014 के चुनाव में बसपा एक भी सीट नहीं जीत पाई थी लेकिन वोट शेयर पहले की तरह ही था।

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First published on: Apr 16, 2024 10:37 AM

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