Indians Life in Canadian Companies: विदेश में पढ़ाई करने, विदेश में नौकरी करने का सपना आज भारत का हर नौजवान देखता है। हर साल लाखों नौजवान IELTS क्लीयर करके विदेशी कॉलेजों में दाखिला लेते हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद ज्यादातर नौजवान विदेश में ही नौकरी करते हैं। आजकल भारतीयों के लिए फॉरेन एजुकेशन और जॉब का हब कनाडा और ऑस्ट्रेलिया हैं। हर साल लाखों भारतीय नौजवान लड़के और लड़कियां कनाडा जाते हैं।
10वीं होते ही युवाओं को IELTS की तैयारी करानी शुरू कर दी जाती है। पेपर क्लीयर करके 12वीं करते हुए वे कनाडा के कॉलेजों में दाखिला ले लेते हैं। आधे से ज्यादा कोर्स पूरा होते ही प्लेसमेंट लेकर वहां नौकरी भी जॉइन कर लेते हैं, लेकिन गूगल में काम कर चुके एक शख्स ने कनाडा में नौकरीपेशी भारतीयों की हालत को लेकर कुछ खुलासा हुआ है। उसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। आइए जानते हैं कि आखिर युवक क्या कह रहा है?
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युवक ने अपनी सैलरी से असंतोष व्यक्त किया
HT की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय युवक, पहले गूगल में काम कर चुका है और अब उसने नई जॉब ली है। उसने बताया कि उसे कनाडा में अपनी भारतीय वर्क एक्सपीरियंस कम लग रहा है। उसने दावा किया है कि भारत में काम करने अनुभव ले चुके युवाओं को कनाडा में कंपनियां द्वारा नजरअंदाज किया जाता है। भारतीय मूल के डिजिटल क्रिएटर और मशहूर इंस्टाग्राम पेज ‘सैलरी स्केल’ के ऑनल पीयूष मोंगा युवक का इंटरव्यू लेते वीडियो में दिखाई दे रहे हैं।
जो युवक इंटरव्यू दे रहा है, वह पिछले एक साल से कनाडा में प्रोसेस इन्वेंट्री एसोसिएट के रूप में काम कर रहा है। उसने पहले 3 साल से ज्यादा समय तक गूगल इंडिया में काम किया है, लेकिन उसने कनाडा में अपने मौजूदा वेतन से असंतोष व्यक्त किया है। सालाना 17,500 डॉलर कमाने वाले युवक बताया कि इतनी कम आय में कनाडा में रहकर गुजारा मुश्किल से हो पाता है, घर-परिवार के लिए पैसे भेजना दूर की बात है।
कनाडा को नहीं चाहिए भारतीय
वीडियो में भारतीय युवक बता रहा है कि जब से मैं यहां आया हूं, अपने बायोडेटा में अपने अनुभव को कम करके बता रहा हू, क्योंकि रिक्रूटमेंट करने वाले भारत में मेरे काम को नहीं गिन रहे हैं। इसका कोई मतलब नहीं है। मैं अभी भी नौकरी की तलाश कर रहा हूं और कनाडा की कंपनियों को भारतीय उम्मीदवारों की नहीं, बल्कि कनाडाई उम्मीदवारों की तलाश है।
भारत-कनाडा के संबंध कैसे हैं?
बता दें कि पिछले साल खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और मामले में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप कनाडा ने लगाए। सीधा टारगेट भारत को किया गया और कनाडा में भारत के प्रति जनता की राय खराब हो गई। एंगस रीड इंस्टीट्यूट के ताजा सर्वे से पता चलता है कि मार्च 2023 के बाद से केवल 33 प्रतिशत कनाडाई भारत को सही समझते हैं। 54 प्रतिशत लोगों की नजरों में भारत की इमेज नेगेटिव है।