नई दिल्ली: बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें उन्हें राहत मिलती दिख रही है। पुलिस ने कोर्ट से पॉक्सो एक्ट हटाने की अनुमति मांगी है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि बृजभूषण के खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि नाबालिग के परिवार पर बहुत दबाव है।
‘चार्जशीट में डब्ल्यूएफआई प्रमुख का नाम है’
साक्षी मलिक ने कहा कि दायर चार्जशीट में डब्ल्यूएफआई प्रमुख का नाम है। हालांकि, उन्होंने कहा कि नाबालिग के परिवार पर “काफी दबाव” है। उनका (बृज भूषण शरण सिंह) कल पुलिस द्वारा प्रस्तुत चार्जशीट में नामित किया गया है। नाबालिग के मामले में यह स्पष्ट है कि परिवार पर बहुत दबाव है। हम बाद में आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे।
आगे की क्या होगी रणनीति?
पहलवानों ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के इस आश्वासन के बाद 15 जून तक अपना विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया था कि मामले में आरोपपत्र 15 जून तक दाखिल कर दिया जाएगा। साक्षी मलिक ने एएनआई को बताया, ‘चार्जशीट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वह दोषी है लेकिन हमारे वकील ने एक आवेदन दायर किया है ताकि वह जल्द से जल्द चार्जशीट पर हाथ रख सके ताकि हम आरोपों का पता लगा सकें। साक्षी ने आगे की रणनीति के बारे में कहा कि एक बार चार्जशीट हमें दिख जाए और दूसरा, जो सरकार ने एक-दो और वादे किए थे उनमें कुछ बाकी हैं। ये सब काम हो जाए तो फिर हम यह फैसला करेंगे कि हमारा अगला कदम क्या होगा।”
6 जुलाई को चुनाव की घोषणा
प्रदर्शनकारी पहलवानों की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी में आरोपपत्र दायर किया। विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि आईपीसी की धारा 354, 354डी, 345ए और 506 (1) के तहत आरोपपत्र दायर किया गया है। विरोध के बीच WFI ने 6 जुलाई को चुनाव कराने की घोषणा की। ओलंपियन बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट अन्य पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर बृजभूषण की गिरफ्तारी का दबाव बनाने के लिए इस साल की शुरुआत से ही राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।