The Resistance Front or TRF: जम्मू कश्मीर में बीते दिन दिल दहला देने वाला आतंकी हमला देखने को मिला। इस हमले में 9 लोगों की मौत हो गई। 33 के लगभग लोग घायल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ समारोह के दौरान आंतकियों ने जम्मू कश्मीर के रियासी में श्रद्धालुओं की बस को निशाना बनाया। वहीं इस घटना की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ (TRF) ने ली है। मगर क्या आप जानते हैं कि टीआरएफ कब और कैसे अस्तित्व में आई?
लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन
5 अगस्त 2019, ये वही तारीख है जब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का ऐलान किया था। पाकिस्तान समेत कई देशों ने सरकार के इस कदम की आलोचना की। मगर अनुच्छेद 370 का खात्मा घाटी में एक नए आंतकी संगठन की वजह बन गया। जी हां, 2019 में ही टीआरएफ का जन्म हुआ। टीआरएफ को हाफिज सईद के आंतकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का अंग माना जाता है।
#WATCH जम्मू-कश्मीर: रियासी में FSL की टीम मौके पर पहुंची, जहां कल आतंकवादियों ने एक बस पर हमला किया था।
---विज्ञापन---इस आतंकवादी हमले में 10 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हुए हैं।
(वीडियो वर्तमान समयानुसार नहीं है।) pic.twitter.com/3IrugSR2Sp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 10, 2024
6 साल से घाटी में एक्टिव है टीआरएफ
2019 के बाद घाटी में हुए कई आंतकी हमलों की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है। इससे साफ पता चलता है कि टीआरएफ जम्मू कश्मीर में काफी एक्टिव है और कई आंतकी घटनाओं को भी अंजाम दे चुकी है। टीआरएफ कश्मीरी पंडित, हिन्दू और सिखों को टारगेट बनाती है। वहीं भारत-पाकिस्तान में क्रॉस बॉर्ड टेरेरिज्म, हथियारों की तस्करी और ड्रग्स की तस्करी में भी टीआरएफ का अहम रोल है।
इन इलाकों में लोगों को बनाया निशाना
2019 के बाद से टीआरएफ जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। कुपवाड़ा से लेकर पुलवामा, अनंतनाग, सोपोर, बांदीपोरा, श्रीनगर और कुलगाम तक टीआरएफ सुरक्षा बलों के साथ-साथ आम नागरिकों और यात्रियों को भी अपना निशाना बना चुका है।
#WATCH | J&K: An encounter broke out between terrorists and security forces in the Kathohalan area of Shopian. One terrorist affiliated with the proscribed terror outfit TRF was neutralised. Further details shall follow: Kashmir Zone Police
(Visuals deferred by unspecified time) pic.twitter.com/l3Uo80eKTH
— ANI (@ANI) November 9, 2023
सरकार ने लगाया बैन
टीआरएफ के खिलाफ एक्शन लेते हुए भारत सरकार ने 2023 में UAPA के अंतर्गत इसे बैन कर दिया था। दरअसल 2018 में कश्मीरी जर्नलिस्ट शुजात बुखारी की हत्या हो गई थी। जिसके पीछे टीआरएफ का हाथ सामने आया था। ऐसे में सरकार ने ना सिर्फ टीआरएफ पर प्रतिबंध लगा दिया बल्कि टीआरएफ के लीडर शेख सज्जाद गुल को भी आतंकी घोषित कर दिया था।
FATF की ग्रे लिस्ट में पहुंचा पाकिस्तान
टीआरएफ का जन्म इस बात का साफ संकेत है कि पाकिस्तान ने आतंक के खिलाफ लगाम नहीं कसी है। लश्कर-ए-तैयबा के बाद टीआरएफ के अस्तित्व में आने की वजह से FATF ने पाकिस्तान को 2018 के बाद से ग्रे लिस्ट में डाल रखा है।