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Exit Polls: क्या है कांग्रेस का ‘आई कार्ड’, तेलंगाना चुनाव में जिसका चल रहा जादू

Telangana Exit Polls 2023: अगर कांग्रेस तेलंगाना जीतती है तो ये माना जाना चाहिए कि उसकी 'आई कार्ड' वाली रणनीति काम कर गई।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Dec 1, 2023 08:15
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telangana exit polls 2023
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Telangana Exit Polls 2023: तेलंगाना में जहां एक ओर चुनाव संपन्न हो गया है तो वहीं दूसरी ओर एग्जिट पोल के नतीजे भी आ गए हैं। एग्जिट पोल में कांग्रेस को 71, सत्ताधारी बीआरएस को 33, बीजेपी को 7 और अन्य को 8 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। यदि कांग्रेस तेलंगाना की कुर्सी पर कब्जा जमा लेती है तो ये माना जाना चाहिए कि उसकी ‘आई कार्ड’ वाली रणनीति काम कर गई। आइए जानते हैं कि आखिर कांग्रेस का ये आई कार्ड क्या है…

कांग्रेस ने तेलंगाना में सत्ता में वापसी के लिए जोरदार अभियान चलाया। उसने ‘आई कार्ड’ या इंदिरा कार्ड खेला और ‘इंदिरम्मा राज्यम’ यानी इंदिरा के शासन का वादा किया। कांग्रेस को पता है कि रियायतें इस बार भी केसीआर के पक्ष में काम कर सकती हैं। इसीलिए उसने 2024 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में आई कार्ड या इंदिरा गांधी कार्ड खेला है।

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23 नवंबर को एक चुनावी रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस तेलंगाना में ‘इंदिरम्मा राज्यम’ लाना चाहती है। इसका मतलब न्याय, कल्याण और विकास का शासन है। खड़गे ने कहा, कांग्रेस इंदिराम्मा राज्यम लाना चाहती है ताकि किसान समृद्ध हों, उन्हें उचित सिंचाई सहायता और उनके उत्पादों का मूल्य मिले।”

खड़गे के अनुसार, इंदिरा गांधी ने नागार्जुन सागर बांध बनवाया और तेलंगाना के किसानों को उनकी जमीन के लिए पानी दिलाने में मदद की थी। अगर नागार्जुन सागर बांध नहीं होता तो तेलंगाना को भारत के धान के कटोरे के रूप में नहीं जाना जाता। इससे पहले प्रियंका गांधी ने भी मई में तेलंगाना में अपनी पहली चुनावी रैली में इंदिरा का जिक्र किया था।

इंदिरा गांधी का तेलंगाना से नाता उस वक्त से है, जब वह 1977 में रायबरेली से चुनाव हार गई थीं। उन्होंने 1978 में कांग्रेस (आई) बनाई और 1980 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली के अलावा मेडक से चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत हासिल की। 1984 में जब उनकी हत्या हुई तब इंदिरा गांधी मेडक से सांसद थीं। हालांकि कांग्रेस 1999 के बाद से कभी अपना गढ़ रहे मेडक को जीतने में नाकाम रही है।

एक समय कांग्रेस का किला रहा अब बीआरएस का गढ़ बन गया है। अलग तेलंगाना आंदोलन शुरू होने और दूसरे तेलुगु राज्य के गठन के बाद केसीआर के नेतृत्व वाली पार्टी ने मेडक लोकसभा सीट जीती है।

हालांकि केसीआर ने कांग्रेस के इस ‘आई कार्ड’ की आलोचना की है। केसीआर ने कहा, “कांग्रेस ने तेलंगाना में इंदिराम्मा राज्यम लाने का वादा किया है। इंदिराम्मा राज्यम के दौरान क्या हुआ? भूख से मौतें, नक्सली आंदोलन, लोगों को गोली मार दी गई और मुठभेड़ हुई, पूरे इंदिराम्मा राज्यम में यही हुआ।” केसीआर ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अलग राज्य के गठन में देरी की।

आंध्र की राजनीति में कांग्रेस एक मजबूत खिलाड़ी रही है, लेकिन हाल के वर्षों में उसे तेलुगु पार्टियों से शिकस्त मिलती रही। तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और वाईएसआर कांग्रेस ने कांग्रेस को आंध्र प्रदेश में सत्ता से दूर रखा है।

आंध्र प्रदेश में कांग्रेस ने आखिरी बार 2009 में विधानसभा चुनाव जीता था। तेलंगाना 2 जून 2014 को अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था। तेलंगाना में मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) की भारत राष्ट्र समिति ने 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद राज्य के गठन के बाद से लगातार दो चुनाव जीते हैं। देखना दिलचस्प होगा कि 3 दिसंबर को नतीजे किसके पक्ष में रहते हैं।

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Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Dec 01, 2023 08:00 AM

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