Supreme Court Rejected Petition(प्रभाकर मिश्रा ) : सुप्रीम कोर्ट में कुछ अजीबो-गरीब घटनाएं देखने को मिल रही हैं। शुक्रवर एक युवक डार्विन और आइंस्टीन के सिद्धांतों को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। याचिका में डार्विन की ‘थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन’ और आइंस्टीन की ‘थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी’ के फॉर्मूले को गलत ठहराने की बात कही गई थी। युवक की मांग थी कि कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को लेकर उस शख्स को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि हम यहां न्यूटन या आइंस्टीन को गलत साबित करने के लिए नहीं हैं, इससे बेहतर होगा कि आप अपनी थ्योरी खुद बना लें।
याचिकाकर्ता की दलील
याचिकाकर्ता कोर्ट में भगवा कपड़े पहनकर गया था। याचिकाकर्ता राजकुमार ने कहा कि उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में डार्विन के सिद्धांत और आइंस्टीन के बारे में जो पढ़ा है, वह गलत है। दलील सुनते ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आप अपने सिद्धांत में सुधार करें। कोर्ट ने कहा क्या इसमें अनुच्छेद 32 का उल्लंघन किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट से लोगों को कितनी उम्मीदें ?
बता दें कि यह पहली बार नहीं जब ऐसा मामला सामने आया है। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को सामने आया, जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय के बंबई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर फिर से शपथ की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता का कहना था कि शपथ लेने के दौरान, गवर्नर के ‘मैं’ बोले जाने के बाद जस्टिस उपाध्याय ने ‘मैं’ शब्द नहीं बोला, इसलिए यह शपथ पूरी नहीं है। चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये पब्लिसिटी हासिल करने के मकसद से दायर की गई, एक आधारहीन याचिका है। इस तरह की याचिकाओं के चलते अदालत का कीमती वक्त बर्बाद होता है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है।