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अवैध संतानों को भी मिलेगा मां-बाप की संपत्ति में हक, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

Supreme Court On Property Right: सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति के अधिकार मामले में शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि अवैध शादियों से पैदा हुई संतानों को भी अपने मां-बाप की संपत्ति में हक मांगने का अधिकार है। यह फैसला केवल हिंदू मिताक्षरा कानून (Hindu Succession Law) द्वारा शासित हिंदू […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Sep 1, 2023 16:37
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Supreme Court On Property Right: सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति के अधिकार मामले में शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि अवैध शादियों से पैदा हुई संतानों को भी अपने मां-बाप की संपत्ति में हक मांगने का अधिकार है। यह फैसला केवल हिंदू मिताक्षरा कानून (Hindu Succession Law) द्वारा शासित हिंदू संयुक्त परिवार की संपत्तियों पर लागू है। 2011 की रेवनासिद्दप्पा बनाम मल्लिकार्जुन मामले की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने यह फैसला दिया। जिसमें पीठ ने कहा कि अवैध शादी से जन्मी संतान भी अपने माता-पिता की अर्जित संपत्ति में हक रखती है, जितना वैध शादी से जन्मी संतान। ऐसे मामलों में बेटियां भी दावा करने की हकदार हैं।

अमान्य शादी में नहीं मिलता पति-पत्नी का दर्जा

पीठ ने हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 16 (3) का हवाला दिया। कहा कि शून्य या अमान्य शादी में पुरुष और महिला को पति-पत्नी का दर्जा नहीं मिलता है। यह ऐसा विवाह है कि जो शुरू से ही अमान्य है। कभी विवाह अस्तित्व में नहीं आया है। धारा 16 (3) कहती है कि ऐसे बच्चों को केवल अपने माता-पिता की संपत्ति विरासत में मिलेगी और अन्य सहदायिक शेयरों पर उनका कोई अधिकार नहीं होगा। शून्यकरणीय विवाह कानून में प्रवर्तनीय नहीं है या गैरकानूनी है और इसे डिक्री के माध्यम से रद्द किया जाना चाहिए।

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2011 के फैसले में क्या कहा गया था?

सुप्रीम कार्ट ने यह फैसला 2011 की याचिका पर दिया है। उस वक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जीएस सिंघवी और एके गांगुली की खंडपीठ ने अपने फैसले में लिखा था कि अवैध रिश्ते में बच्चे के जन्म को माता-पिता के रिश्ते से स्वतंत्र रूप से देखा जाना चाहिए। वह बच्चा निर्दोष है। वह उन सभी अधिकारों का हकदार है, जो वैध शादी से पैदा हुए बच्चे को दी जाती है।

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Written By

Bhola Sharma

First published on: Sep 01, 2023 04:37 PM

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