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‘पत्नी ने 60 साल ध्यान रखा, आपने दुश्मनों जैसा व्यवहार किया’…सुप्रीम कोर्ट ने 89 साल के बुजुर्ग का तलाक रिजेक्ट किया

Supreme court judgement: सुप्रीम कोर्ट ने 89 साल के बुजुर्ग को तलाक देने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट से बुजुर्ग ने 82 साल की पत्नी से तलाक की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि भारतीय समाज में विवाह को आध्यात्मिक मिलन और पवित्र रिश्ता माना जाता है। इसलिए सिर्फ इस आधार पर तलाक […]

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Oct 12, 2023 12:08
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Supreme court judgement: सुप्रीम कोर्ट ने 89 साल के बुजुर्ग को तलाक देने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट से बुजुर्ग ने 82 साल की पत्नी से तलाक की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि भारतीय समाज में विवाह को आध्यात्मिक मिलन और पवित्र रिश्ता माना जाता है। इसलिए सिर्फ इस आधार पर तलाक नहीं दिया जा सकता कि शादी टूट के कगार पर पहुंच चुकी है। जिसके बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

1963 में हुई थी बुजुर्ग की शादी

मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने की। दोनों जजों ने कहा कि आपकी पत्नी ने 60 साल तक रिश्ते की पवित्रता को बनाकर रखा। शादी 1963 में हुई थी। इस दौरान आपके 3 बच्चों की देखभाल की, लेकिन पति ने उनके प्रति दुश्मनों जैसा व्यवहार दर्शाया। पत्नी अब भी पति की देखभाल के लिए राजी है, वह तलाक का कलंक लेकर दुनिया से नहीं जाना चाहती है। जीवन के इस मोड़ पर भी वह आपको अकेला नहीं छोड़ना चाह रही है।

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समकालीन समाज में तलाक कलंक नहीं

कोर्ट ने इसे अन्याय करार दिया है। कोर्ट ने ये भी कहा कि तलाक लेना समकालीन समाज में कलंक नहीं है। लेकिन हम आपकी पत्नी की भावनाओं को लेकर चिंतित हैं। इसलिए पत्नी की इच्छा को देखते हुए तलाक की परमिशन नहीं दे सकते। इसके बाद न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया।

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दोनों जजों ने कहा कि अगर 142 अनुच्छेद के तहत शादी टूट के कगार पर को आधार मान तलाक दे दिया, तो यह प्रतिवादी के साथ न्याय नहीं होगा। न्यायालय किसी के साथ अन्याय नहीं कर सकता। इसके बाद शीर्ष अदालत ने बुजुर्ग की याचिका को निरस्त कर दिया।

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Parmod chaudhary

First published on: Oct 12, 2023 12:08 PM
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