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‘100 साल पुरानी समस्या खत्म कर रहे…’, वक्फ संशोधन एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की दलीलें

वक्फ संशोधन कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें दी। केंद्र ने कहा कि हम 100 साल पुरानी समस्याओं को सुलझाने के लिए यह बिल लेकर आए हैं।

Author Written By: Prabhakar Kr Mishra Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: May 21, 2025 12:28
Waqf Amendment Act Supreme Court hearing
Waqf Amendment Act Supreme Court hearing

सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ संशोधन एक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें दी। उन्होंने कोर्ट से कहा कि ये ऐसा मामला नहीं है जहां मंत्रालय ने एक बिल बनाया और बिना सोच-विचार के वोटिंग कर दी गई। हम बहुत पुरानी समस्या को खत्म कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत 1923 में हुई। तुषार मेहता ने दलील दी कि हमने वक्फ़ को लेकर 2023 में कुछ कमियों को नोटिस किया। उसे दूर करने के लिए कानून लेकर आए हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यहां कुछ याचिका कर्ता आए हैं ये कुछ लोग मुस्लिम समुदाय के सभी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते।

संसद को ऐसा कानून लाने का अधिकार था

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि किसी कानून को इस आधार पर चुनौती दी जा सकती है कि जिस सरकार ने उसे पास किया, उसे बिल को पारित करने का अधिकार नहीं था। पर यहां ऐसा नहीं है। संसद को ऐसा कानून लाने का अधिकार था।

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यह कानून बहुत सोच विचार कर बना है। जेपीसी ने इस कानून के हर पहलू पर चर्चा की। हमें 96 लाख ज्ञापन मिले। जेपीसी ने 36 मीटिंग की। विभिन्न मुस्लिम संस्थाओं के साथ रायशुमारी की गई। उनके सुझाव पर गौर किया। सदन में व्यापक चर्चा के बाद इस कानून को पास किया।

बता दें कि कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट एएम सिंघवी, राजीव धवन और कपिल सिब्बल ने दलीलें दी। सिब्बल ने कहा कि सरकार धार्मिक संस्थाओं की फंडिंग नहीं कर सकती। मस्जिद में मंदिरों की तरह 1000-2000 करोड़ चढ़ावे में नहीं होते। इस पर सीजेआई ने कहा कि मैं भी मंदिर गया हूं, दरगाह और चर्च गया हूं। हर किसी के पास चढ़ावे का पैसा है।

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केंद्र ने 3 मुद्दों पर रोक लगाने की मांग की

इससे पहले सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को अंतरिम राहत चाहिए तो उसे मामलों को और मजबूत और दलीलों को स्पष्ट करना चाहिए। सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कुल तीन मुद्दे हैं जिस पर रोक लगाने की मांग हुई है। कोर्ट सुनवाई के समय वक्फ की सूची में शामिल संपत्तियों को लिस्ट से नहीं हटाए। संशोधित कानून में प्रावधान है कि जब कलेक्टर संपत्ति के सरकारी होने या नहीं होने की जांच कर रहा हो तब उस वक्फ न माना जाए। वक्फ बोर्ड और सेंट्रल वक्फ बोर्ड वक्फ काउंसिल के सभी सदस्य मुस्लिम ही होने चाहिए। जो पद के कारण सदस्य बनते हैं वे अपवाद हो सकते हैं।

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First published on: May 21, 2025 12:02 PM

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