Article 370: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 2 अगस्त से शुरू होगी।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि याचिकाओं की सुनवाई सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर रोजाना आधार पर होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दस्तावेजों के सामान्य सुविधा संकलन की तैयारी के लिए दो अधिवक्ताओं को नोडल वकील के रूप में नियुक्त किया है।
Supreme Court’s five-judge Constitution bench says hearing of a batch of pleas challenging the abrogation from of Article 370 from Jammu and Kashmir will start from August 2. pic.twitter.com/eTJ1oFw9SJ
— ANI (@ANI) July 11, 2023
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सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि लिखित दलीलें भी 27 जुलाई को या उससे पहले दाखिल की जाएंगी और सुविधा संकलन में कोई और बदलाव की अनुमति नहीं होगी। बता दें कि आर्टिकल 370 को हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली 20 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई हैं।
CJI की अगुवाई में पांच जजों की बेंच करेगी सुनवाई
याचिकाओं पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली 5 जजों की बेंच सुनवाई करेगी। इनमें CJI चंद्रचूड के अलावा जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था।
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता हसनैन मसूदी ने कहा कि हमारे पास बहुत मजबूत, ठोस मामला है। हमें उम्मीद है कि हम सफल होंगे और न्यायाधीश उन फैसलों को रद्द करने में एक सेकंड भी नहीं लगाएंगे।
#WATCH | "We have a very strong, rock-solid case. We hope that we will succeed and the judges will not take a second to set aside those decisions…" says National Conference leader Hasnain Masoodi on Supreme Court hearing today on abrogation of Article 370 pic.twitter.com/xcxxK9c9c8
— ANI (@ANI) July 11, 2023
सुनवाई से एक दिन पहले केंद्र ने अपने फैसले का किया बचाव
शुरू होने से एक दिन पहले केंद्र ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के से वहां अभूतपूर्व स्थिरता और प्रगति आई है। सोमवार को दायर हलफनामे में केंद्र ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध किया। केंद्र ने कहा कि आर्टिकल 370 निरस्त किए जाने के बाद पथराव की घटनाएं 2023 में पूरी तरह से बंद हो गई है।
20 पेज के हलफनामे में केंद्र ने क्षेत्र में शांति और विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक कदम से क्षेत्र में स्थिरता, शांति, विकास और सुरक्षा आई है। हलफनामे में आगे बताया गया है कि दृढ़ आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों से आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप आतंकवादी भर्ती में 2018 में 199 से महत्वपूर्ण गिरावट आई है और 2023 में 12 हो गई है।
घाटी में पर्यटकों की बढ़ती संख्या का भी केंद्र ने किया जिक्र
क्षेत्र में पर्यटकों की बढ़ती संख्या का हवाला देते हुए केंद्र ने कहा, “फैसले के बाद घाटी में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दिसंबर 2022 तक 1.88 करोड़ पर्यटक आए हैं। वहां आयोजित जी20 बैठक घाटी में पर्यटन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी।
केंद्र ने आगे कहा, “तीन दशकों की उथल-पुथल के बाद क्षेत्र में जीवन सामान्य स्थिति में लौट आया है। लोगों ने बदलावों को अपना लिया है और शांति, समृद्धि और स्थिरता का आनंद ले रहे हैं।”
2019 में दायर याचिकाओं के बैच को दिसंबर 2019 में भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ को भेजा गया था। शीर्ष अदालत को इस मामले पर कई याचिकाएं प्राप्त हुई हैं। याचिकाकर्ताओं में कई वकील, कार्यकर्ता, राजनेता और सेवानिवृत्त सिविल सेवक शामिल हैं।