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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- जम्मू-कश्मीर फिर से राज्य कब बनेगा? केंद्र बोला- 31 अगस्त को देंगे जानकारी

Supreme Court Hearing Article 370: सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को वापस पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि आखिर कब जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्ज दिया जाएगा? इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता […]

Edited By : Prabhakar Kr Mishra | Updated: Aug 29, 2023 17:33
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Supreme Court Hearing Article 370: सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को वापस पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि आखिर कब जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्ज दिया जाएगा?

इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने सरकार से बात की है। सरकार से मिले निर्देश के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर हमेशा के लिए केंद्र शासित प्रदेश नही रहेगा और इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला अस्थायी है, लेकिन लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला स्थायी है। इस लिहाज से लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इस बाबत जानकारी दी।

वहीं, सॉलिसिटर जनरल ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने और लोकतंत्र बहाली को लेकर 31 अगस्त को कोर्ट को जानकारी देंगे। इस संबंध में सॉलिसिटर और अटॉर्नी जनरल व्यक्तिगत तौर पर सरकार से मिलकर बात करेंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली महत्वपूर्ण है।

यहां पर बता दें कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े आर्टिकल 370 को समाप्त करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर पिछले करीब एक पखवाड़े से सुनवाई हो रही है। इस बीच मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से राज्य का दर्जा बहाल करने की समयसीमा के साथ रोडमैप पर भी जवाब मांगा।

उधर, सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाने का फैसला स्थायी नहीं था। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जब चीजें समान्य हो जाएंगी तो स्वतः ही जम्मू-कश्मीर का फिर से राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा। यहां पर बता दें कि पांच जजों की बेंच करीब दो हफ्ते से मामले पर सुनवाई कर रही है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को अपनी अहम टिप्पणी में कहा था कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35A ने लोगों के तीन मौलिक अधिकारों को छीन लिया।

उधर, इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि अनुच्छेद 35 ए हटने से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन बढ़ा है। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि जब से व्यवस्था में बदलाव हुआ है, तब से 16 लाख पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर का रुख किया है। पर्यटकों के नए होटल खोले गए हैं और लोगों को रोजगार भी मिला है।

 

First published on: Aug 29, 2023 03:22 PM

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