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डेडबॉडी संग शारीरिक संबंध अपराध है या नहीं! जानें सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला

Supreme Court Decision On Necrophilia: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखते हुए फैसला सुनाया है कि नेक्रोफिलिया को भारतीय दंड संहिता में अपराध नहीं माना गया है। ऐसे में हाई कोर्ट ने आरोपी को रेप के आरोप से बरी करते हुए हत्या की सजा बरकरार रखी है।

Edited By : Hema Sharma | Updated: Feb 6, 2025 11:33
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Supreme Court Decision On Necrophilia
Supreme Court Decision On Necrophilia

Supreme Court Decision On Necrophilia: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का लाश के साथ शारीरिक संबंध बनाने के अपराध पर बड़ा फैसला आया है। पहले हत्या फिर शव के साथ यौन संबंध बनाने के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा गया है। हाई कोर्ट ने उस शख्स को रेप के आरोप से बरी कर दिया था जिसने हत्या के बाद उसके साथ यौन संबंध बनाया था। मर्डर की सजा उसे काटनी होगी, इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत नेक्रोफिलिया (Necrophilia) यानी शव के साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध नहीं माना जाता है।

कर्नाटक हाई कोर्ट के खिलाफ सुनवाई

कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपराधी को मर्डर कर उसके शव के साथ शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में सजा सुनाई थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानतुल्लाह और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच कर्नाटक हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस केस में कर्नाटक सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट के जनरल अमन पंवार ने तर्क दिया है कि IPC की धारा 375(c) के तहत ‘शरीर’ शब्द को डेड बॉडी का ही हिस्सा माना जाना चाहिए।

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क्यों मृत शरीर के साथ शारीरिक संबंध बनाना अपराध है

जनरल अमन पंवार ने कहा कि जिस प्रकार एक महिला से उसकी सहमति के बिना शारीरिक संबंध बनाना रेप की कैटेगरी में आता है। उसी प्रकार एक लाश भी ऐसा करने की इजाजत नहीं देती, ऐसे में तो इसे भी रेप की कैटेगरी में ही आना चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया और कहा कि नेक्रोफिलिया (मृत शरीर) भारतीय दंड संहिता के तहत कोई क्राइम नहीं है।

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शव संग संबंध बनाना हो अपराध

ऐसी खबरें कई बार आई हैं कि अस्पतालों और मुर्दाघरों में मृत महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं। इन मामलों में माना जाता है कि जो लोग ऐसा काम करते हैं वो एक मनो-यौन विकार (psychosexual disorder) से ग्रस्त होते हैं। लेकिन अब कहा जा रहा है कि शव की भी खासकर महिला की गरिमा बनाए रखने के लिए ऐसे कृत्यों को अपराध की श्रेणी में रखना चाहिए। IPC की धारा 377 में संशोधन करना चाहिए। जान लें कि यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में इस घिनौने काम को अपराध माना जाता है।

क्या है पूरा मामला

ये जान लें कि कर्नाटक के 21 साल के युवक ने एक महिला की पहले हत्या की और फिर उसके मृत शरीर के साथ शारीरिक संबंध बनाए। उस आरोपी पर ट्रायल कोर्ट ने IPC  की धारा 302 के तहत हत्या और IPC की धारा 375 के तहत बलात्कार के गंभीर आरोप लगाए थे।

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Edited By

Hema Sharma

First published on: Feb 06, 2025 11:33 AM

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