---विज्ञापन---

कूनो में चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने मानी केंद्र सरकार की दलील, बंद कर दी सुनवाई, जानें क्यों?

Cheetah Deaths: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 9 चीतों की मौतों का मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उठा। इस मौके पर केंद्र ने अदालत को बताया कि हर साल 12 से 14 नए चीते लाए जाएंगे। कुछ समस्याएं जरूर हैं, लेकिन चिंता करने जैसा कुछ भी नहीं है। अदालत ने केंद्र की […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Aug 7, 2023 15:50
Share :
Tiger Project, Cheetah Deaths, Kuno National Park, Madhya Pradesh, Supreme Court
Cheetah

Cheetah Deaths: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 9 चीतों की मौतों का मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उठा। इस मौके पर केंद्र ने अदालत को बताया कि हर साल 12 से 14 नए चीते लाए जाएंगे। कुछ समस्याएं जरूर हैं, लेकिन चिंता करने जैसा कुछ भी नहीं है। अदालत ने केंद्र की दलीलों को स्वीकार करते हुए सुनवाई बंद कर दी है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि भारत में चीतों को फिर से लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर सरकार से सवाल पूछने का कोई कारण नहीं है।

दरअसल, मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय पार्क में एक साल के भीतर नौ चीतों की मौत हुई है। उनमें तीन शावक भी शामिल हैं। कूनो में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 वयस्क चीतों को लाया गया था। तब से वहां चार शावकों का जन्म हो चुका है। 1952 में चीते देश से विलुप्त हो गए थे। टाइगर प्रोजेक्ट के तहत फिर से चीतों को भारत में बसाने की योजना है।

---विज्ञापन---
Tiger Project, Cheetah Deaths, Kuno National Park, Madhya Pradesh, Supreme Court

Cheetah

सबसे पहले नामीबिया से लाए गए चीते

केंद्र सरकार ने कहा कि चीतों को सितंबर 2022 में नामीबिया से इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। यहां की मौसम की स्थिति और इसके प्रभावों के संबंध में लगातार काम चल रहा है।

असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई को बताया कि 20 में से 6 व्यस्क चीतों की मौत हुई है। एक मादा चीता ने चार शावकों को जन्म दिया था। उनमें से तीन की मौत हुई है। चीतों की मौत दुनिया के अन्य हिस्सों के मुकाबले काफी कम है। केंद्र सरकार ने कहा कि इन्फेक्शन और डिहाइड्रेशन भी चीतों के मौत का बड़ा कारण है।

---विज्ञापन---

घटिया रेडियो कॉलर के चलते मौत के आरोपों को किया खारिज

कई एक्स्पर्ट्स ने चीतों की मौत का का कारण इस्तेमाल किए गए घटिया रेडियो कॉलर को जिम्मेदार बताया है। जबकि सरकार ने आरोपों को खारिज कर दिया। एक चीता सूरत की मौत 14 जुलाई को हुई थी। उसके गर्दन में कॉलर के चलते घाव हो गया था। कीड़े पड़ गए थे। संक्रमण हो गया था। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किसी भी चूक से इंकार करते हुए कहा कि विदेशी विशेषज्ञों की सलाह ली गई थी। समय-समय पर सलाह ली जाती है।

यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में ना-Pak कोशिश नाकाम: घुसपैठ कर रहे चार आतंकी मारे गए

HISTORY

Written By

Bhola Sharma

First published on: Aug 07, 2023 03:36 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें