IFS Vidushi Singh Success Story : हर कोई आईएएस या आईपीएस बनना चाहता है। इसके लिए देश की सबसे कठिन यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा को पास करना पड़ता है। यूपीएससी एग्जाम पास करने के लिए स्टूडेंट दिन-रात एक देते हैं। स्टूडेंट्स का यह सफर ग्रेजुएशन के बाद स्टार्ट होता है और सफलता के लिए कड़ी मेहनत के साथ दो से तीन अटेम्प्ट लग जाते हैं। आमतौर पर अधिकांश स्टूडेंट आईएएस या आईपीएस का विकल्प चुनते हैं। कुछ ही उम्मीदवार होते हैं तो टॉप रैंक हासिल करने के बाद भी भारतीय विदेश सेवा (IFS) बनना चाहते हैं, जिसमें एक नाम 21 साल की विदुषी सिंह का जुड़ गया है। आइए जानते हैं कि कौन हैं विदुषी सिंह?
सिर्फ 21 साल की छोटी सी उम्र में आईएफएस अधिकारी विदुषी सिंह ने इतिहास रच दिया। उसने पहले ही प्रयास में यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल की। विदुषी सिंह ने 2022 की यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया 13वां रैंक प्राप्त किया। आईएफएस अधिकारी का नाता रामनगरी से है। विदुषी का परिवार उत्तर प्रदेश के अयोध्या से है और वह राजस्थान के जोधपुर से पली बड़ी हैं।
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अर्थशास्त्र में किया स्नातक
साल 2021 में विदुषी सिंह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स के साथ स्नातक किया। ग्रेजुएशन के दौरान ही उसने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। उसने बिना कोचिंग सेंटर में दाखिला लिए सिर्फ सेल्फ स्टडी की और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया। टॉप रैंक होने के बाद भी विदुषी ने आईएएस या आईपीएस के बजाए आईएफएस का विकल्प चुना।
दादा-दादी के सपने को किया पूरा
विदुषी ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने अपने दादा-दादी के सपने को पूरा करने से लिए आईएफएस चुना, क्योंकि उनके ग्रांड पेरेंट्स चाहते थे कि वह भारतीय विदेश सेवा की अफसर बने और विदेश में रहकर अपने देश के लिए काम करें। यही वजह है कि उसने अपने दादा-दादी के सपने को ज्यादा महत्व दिया और अन्य उम्मीदवारों से इतर यह सेवा चुनी।
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सेल्फ स्टडी से हासिल की सफलता
विदुषी ने एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों और अन्य प्रमुख संसाधनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सेल्फ स्टडी की। उन्होंने जून से दिसंबर 2021 तक मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस एग्जाम पर फोकस किया। उन्होंने यूपीएससी एग्जाम में कुल 1039 नंबर हासिल किए, जिसमें इंटरव्यू के 184 अंक शामिल थे। उन्होंने अर्थशास्त्र को अपना वैकल्पिक विषय चुना।