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Shiv Sena Judgement के बाद अब उद्धव गुट के पास क्या है विकल्प? पवार बोले- सुप्रीम कोर्ट जाएं

Shiv Sena Judgement के बाद उद्धव गुट को तगड़ा झटका लगा है। स्पीकर ने अपने फैसले में शिंदे गुट की शिवसेना को ही असली शिवसेना माना है। अब उद्धव गुट के पास क्या विकल्प है, आइए जानते हैं...

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Jan 10, 2024 20:05
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Shiv Sena judgement pawar raut uddhav
Shiv Sena MLAs Disqualification Case के फैसले के बाद अब Uddhav Thackeray के पास क्या विकल्प बचा है?

Maharashtra Assembly Speaker Rahul Narwekar in Shiv Sena MLAs disqualification case:  महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट से जुड़े 16 विधायकों की आयोग्यता से जुड़े मामले में अपना फैसला सुनाया है, जिससे उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है। स्पीकर ने अपने फैसले में शिंदे गुट की शिवसेना को ही असली शिवसेना माना है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को हटाने का कोई अधिकार नहीं था। अब सवाल यह उठता है कि क्या उद्धव गुट के लिए सभी रास्ते बंद हो गए हैं या अब भी उनके पास कोई विकल्प है? आइए, इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं…

सुप्रीम कोर्ट उद्धव गुट का आखिरी सहारा

स्पीकर के फैसले के बाद अब उद्धव गुट के पास एक ही रास्ता बचा है। वह है- सुप्रीम कोर्ट। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फैसले के पहले ही ऐलान कर दिया था कि अगर उनके हक में निर्णय नहीं आता तो वे शीर्ष अदालत का रुख करेंगे। यही बात, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी फैसले के बाद कही।

उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट जाना होगा: शरद पवार

पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट जाना होगा। वहीं पर उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, उद्धव गुट के नेता अंबादास दानवे ने भी कहा कि हम फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में जाएंगे। उन्होंने कहा कि अदालत ने सुभाष देसाई के मामले में कहा था कि पार्टी संगठन ही महत्वपूर्ण है।

एकनाथ शिंदे की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा टला

गौरतलब है कि स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले के बाद अब एकनाथ शिंदे की कुर्सी पर मंडरा रहा खतरा खत्म हो गया है। वे सीएम बने रहेंगे। स्पीकर ने अपने फैसले का आधार शिवसेना के 1999 के संविधान को बताया। उन्होंने कहा कि 2018 के संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता। यह चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है।

20 जून 2022 को शिंदे ने शिवसेना से की बगावत

बता दें कि 20 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ पार्टी से बगावत कर दी और भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली। शिंदे सीएम तो देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम चुने गए। इसके बाद उद्धव गुट ने दल-बदल कानून ने तहत पहले स्पीकर को नोटिस दिया, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। दोनों गुटों के बीच असली शिवसेना को लेकर विवाद है। दोनों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट से किस गुट को राहत मिलती है।

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First published on: Jan 10, 2024 07:57 PM

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