Shiv Sena MLA Disqualification Case Update: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शिवसेना (शिंदे गुट)बनाम शिवसेना (उद्धव गुट) विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने में देरी को लेकर महाराष्ट्र के स्पीकर राहुल नार्वेकर को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक टाइमलाइन सेट करें और उसमें फैसला लें। ऐसा नहीं हो सकता है कि आप फैसला ही न लें। फैसला तो लेना पड़ेगा और उसके लिए अनंतकाल तक नहीं बैठ सकते हैं। संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत स्पीकर अनंतकाल तक किसी भी फैसले को अटका नहीं सकते हैं। इसके बाद मामले की सुनवाई दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दी गई।
यह पूरा मामला सीएम एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग से जुड़ा है। शिंदे की अगुवाई में 16 विधायकों ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर ली थी। बाद में शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी।
#WATCH | Delhi: "In the hearing at Supreme Court today, SC said that as per its judgement released on May 11 wherein it was decided that Maharashtra Legislative Assembly Speaker will take a decision regarding disqualification, no proceedings held so far even after four months.… pic.twitter.com/TzwhLMmhUq
— ANI (@ANI) September 18, 2023
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सुप्रीम कोर्ट ने याद दिलाया 11 मई का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से 11 मई के अपने फैसले की अपडेट पूछी। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अदालत ने स्पीकर नार्वेकर को चेतावनी दी कि वह फैसले से बच नहीं सकते हैं। पहले ही करीब पांच महीने का समय दिया जा चुका है।
अदालत ने नार्वेकर से सुनवाई की प्रस्तावित समय सीमा भी मांगी और उन्हें याद दिलाया कि महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष के कार्यालय को सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा का पालन करना होगा।
क्या गिर जाएगी शिंदे सरकार?
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के 16 विधायकों के अलावा 40 और विधानसभा सदस्य हैं, जिनकी सदस्यता पर तलवार लटकी है। यदि फैसला इनके खिलाफ जाता है तो महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलट-फेर देखने को मिलेगा। राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि फैसला शिंदे गुट के खिलाफ जा सकता है। इसीलिए भाजपा ने एनसीपी नेता अजित पवार कैंप को सरकार में शामिल कराया है।