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सस्ते लोन और सस्ती EMI का तोहफा दे सकता है RBI, आज से शुरू हुई MPC की बैठक, रेपो रेट घटने के आसार

Repo Rate Update: रेपो रेट को लेकर SBI की रिपोर्ट में बड़ा दावा किया गया है। इस महीने रेपो रेट में बदलाव होने के आसार हैं। रिपोर्ट में रेपो रेट में कटौती होने का अनुमान लगाया गया है। अगर ऐसा हुआ तो लोगों को दिवाली का बड़ा तोहफा मिलेगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 4, 2025 14:04
RBI | Monetary Policy Committee | Repo Rate,
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रेपो रेट को कभी बढ़ा देता है तो कभी घटा देता है।

Repo Rate Latest Update: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट में रेपो रेट को लेकर बड़ा दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट में कटौती करने का फैसला ले सकता है। बैठक आज से शुरू हो गई है, जो 3 दिन चलेगी। वहीं रेपो रेट में इस बार 25 बेसिस पॉइंट (BPS) की कटौती की घोषणा हो सकती है। अगर रेपो रेट घटती है तो लोगों को सस्ते लोन और सस्ती EMI का तोहफा मिला सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त 2017 में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती होने से उस साल दिवाली तक 1956 अरब रुपये का लोन बैंकों ने दिया था, जिसमें से लगभग 30 प्रतिशत पर्सनल लोन थे। दिवाली देश के सबसे बड़े त्योहारों में से एक त्योहार है, जिस पर लोग दिल खोलकर खर्चा करते हैं। ऐसे में दिवाली से पहले कम ब्याज दर लोन की मांग में सुधार ला सकती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि त्योहारी सीजन में जब भी ब्याज दरों में कटौती की जाती है तो लोन की मांग में मजबूती आती है।

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रेपो रेट में कटौती की ताजा स्थिति

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साल 2025 में अब तक 3 बार रेपो रेट में बदलाव किया है। रेपो रेट आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ महंगाई को भी कंट्रोल करती है। रेपो रेट वह दर है, जिस पर RBI बैंकों को लोन देता है। फरवरी 2025 में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6.50% से घटाकर 6.25% (25 बेसिस पॉइंट की कटौती) किया था। इसके बाद अप्रैल 2025 में रेपो रेट को 6.25% से घटाकर 6% (25 बेसिस पॉइंट की कटौती) किया था। इसके बाद जून 2025 में रेपो रेट को 6% से घटाकर 5.50% (50 बेसिस पॉइंट की कटौती) किया था। वर्तमान रेपो रेट 2 अगस्त 2025 तक 5.50% है और रिवर्स रेपो रेट 3.35% है।

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रेपो रेट में क्यों की जाती है कटौती?

रेपो रेट में कटौती वैश्विक व्यापार की अनिश्चितताओं और घरेलू मांग में कमी के कारण की जाती है, ताकि RBI अर्थव्यवस्था प्रोत्साहित हो और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। रेपो रेट में कटौती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भी की जाती है। बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी रेपो रेट घटाई जाती है। साल 2025 में मानसून सीजन में असम, उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है। रेपो रेट में कटौती होने से बैंकों को सस्ता कर्ज मिलता है, जो राहत और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए लोन देने में मददगार होता है।

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रेपो रेट में कटौती का क्या असर पड़ेगा?

रेपो रेट में कटौती होने से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें कम हो सकती हैं, जिससे EMI कम होगी। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और बचत खातों पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं, जिससे रिटर्न में कमी आएगी। लोन सस्ता होने से उपभोक्ता खर्च और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे GDP वृद्धि में मदद मिलेगी, जो साल 2025-26 के लिए 6.5% अनुमानित है। रेपो रेट में कटौती से बैंकों की उधार देने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे MSME को लाभ मिलेगा। ब्याज की कम दरें बैंकों के मार्जिन को प्रभावित कर सकती हैं।

First published on: Aug 02, 2025 04:42 PM

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