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भारत-ब्रिटेन FTA ने चीन पर निर्भरता को किया दरकिनार, SBI रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा

India-UK FTA:  भारत-ब्रिटेन एफटीए को लेकर एसबीआई की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एफटीए ने चीन पर भारत की निर्भरता को दरकिनार कर दिया है। साथ ही इस एफटीए के जरिए अमेरिकी टैरिफ को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए जानते हैं एसबीआई की रिपोर्ट में क्या कहा गया है।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: May 7, 2025 21:54
India-UK FTA
सांकेतिक तस्वीर।

भारत-ब्रिटेन के बीच हुए ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) को लेकर एसबीआई की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया गया है। भारत और ब्रिटेन ने 6 मई को एक एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं, जो परिमाण-संबंधी विस्तार के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसमें न केवल 90 प्रतिशत टैरिफ लाइनों में कटौती शामिल है बल्कि वैश्वीकरण के बाद की आर्थिक रणनीति के पुनर्मूल्यांकन के रूप में भी इसकी प्रतीकात्मक स्थिति है। यह जानकारी बुधवार को आई एसबीआई की एक रिपोर्ट में दी गई है।

FTA से चीन पर निर्भरता होगी कम: रिपोर्ट

एफटीए एक नई वैश्विक व्यापार रणनीति का संकेत देता है, जो चीन पर निर्भरता को दरकिनार करते हुए अमेरिकी टैरिफ को नियंत्रित करता है। साथ ही यह ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन को नया आकार देने की कोशिश करेगा। एफटीए भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों की पृष्ठभूमि के बीच हुआ है, इसका उदाहरण लगभग 60 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार है, जिसे 2030 तक दोगुना करने का अनुमान है।

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भारत के निर्यात की संभावनाएं खुलेंगी

वित्त वर्ष 2025 में भारत के निर्यात ने आयात में 6.1 प्रतिशत की गिरावट को पीछे छोड़ दिया है। भारतीय स्टेट बैंक के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, वस्तु, सेवाओं और टेक्नोलॉजी पर आधारित इस एफटीए का उद्देश्य समावेशी विकास, लचीली आपूर्ति श्रृंखला और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। इस एफटीए के बाद यूके के आईटी, फाइनेंस, एजुकेशन और कंज्यूमर गुड्स जैसे क्षेत्रों में उदारीकरण से भारतीय उद्योगों में श्रम-प्रधान कपड़ा, खिलौने, समुद्री प्रोडक्ट और ऑटो कलपुर्जे जैसे निर्यात की संभावनाएं खुलेंगी।

क्या है इस समझौते की प्रमुख विशेषता?

रिपोर्ट में कहा गया है, ऐसी स्थिति में जब इमिग्रेशन पॉलिसी स्थिर बनी हुई है। इस समझौते के तहत चुनिंदा प्रोफेशनल मोबिलिटी के अंतर्गत शेफ, संगीतकार और योगियों के लिए प्रतिवर्ष लगभग 1,800-2,000 वीजा जारी किया जा सकता है, जो दोनों देशों की आर्थिक व्यावहारिकता को सांस्कृतिक कूटनीति के साथ जोड़ता है।’ इस समझौते के प्रमुख विशेषताओं में टेलीकॉम एंड रिन्यूएबल एनर्जी तक विस्तारित पहुंच, डिजिटल व्यापार सुविधा, ग्रीन गुड्स पर जोर, पारस्परिक सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था और क्लास -2 सप्लायर्स के रूप में भारतीय सार्वजनिक खरीद तक ​​ब्रिटेन की पहुंच शामिल है।

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‘एफटीए महज एक लेन-देन संबंधी समझौता नहीं’

इसके साथ ही भारत यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, पेरू, श्रीलंका और ओमान के साथ बातचीत को आगे बढ़ा रहा है। साथ ही दक्षिण कोरिया और आसियान के साथ मौजूदा समझौतों की समीक्षा कर रहा है, जो भारत के वैश्विक व्यापार ढांचे के व्यापक रणनीतिक पुनर्गठन का संकेत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-यूके एफटीए महज एक लेन-देन संबंधी समझौता नहीं है बल्कि 21वीं सदी के व्यापार दर्शन के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत ने 13 एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं

भारत ने अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ 13 एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें भारत-ईयू एफटीए, भारत ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए), भारत-पेरू व्यापार समझौता, जिसमें वस्तु, सेवाएं और निवेश शामिल हैं, भारत-श्रीलंका आर्थिक और तकनीकी सहयोग समझौता (ईटीसीए) और भारत-ओमान एफटीए शामिल हैं। इसके अलावा भारत ने अपने मौजूदा एफटीए यानी भारत-दक्षिण कोरिया व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) और आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता (एआईटीआईजीए) की समीक्षा भी शुरू कर दी है।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: May 07, 2025 09:54 PM

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