Sanjay Raut reaction on Delhi Election 2025 Results: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में बीजेपी ने शुरुआत से ही बढ़त बना रखी है। वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस पीछे चल रहे हैं। ऐसे में सभी के मन में पहला सवाल यही है कि आखिर दिल्ली में AAP क्यों हार रही है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इस पर चुप्पी तोड़ी है। उनका कहना है कि अगर AAP और कांग्रेस साथ में चुनाव लड़ते तो नतीजे कुछ और हो सकते थे।
बिहार में लागू होगा महाराष्ट्र पैटर्न
मीडिया से बातचीत के दौरान संजय राउत ने कहा कि चुनाव आयोग और सरकार का रवैया चुनाव के बारे में बहुत गलत है। चुनावी सूची के साथ छेड़छाड़ हो रही है। यह पैटर्न महाराष्ट्र चुनाव से ही चल रहा है। दिल्ली में महाराष्ट पैटर्न लागू किया गया है। चुनाव आयोग आंख बंद करके बैठ था। अब यही पैटर्न बिहार में शिफ्ट हो जाएगा।
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पीएम मोदी पर साधा निशाना
संजय राउत का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 साल से दिल्ली में थे, लेकिन वो दिल्ली नहीं जीत पाए। ऐसे में उनकी आखिरी इच्छा रही होगी शायद कि मेरे होते हुए दिल्ली में भी बीजेपी जीत जाए। बस इसीलिए दिल्ली में जीत हासिल करने की कोशिश हो रही है। अभी तक पूरा निर्णय नहीं आया है।
AAP-कांग्रेस को दी नसीहत
संजय राउत ने AAP और कांग्रेस दोनों पार्टियों की हार का कारण बताते हुए कहा कि AAP बीजेपी को कांटे की टक्कर दे रही है। ऐसे में अगर AAP और कांग्रेस एक-साथ चुनाव लड़ते तो नतीजे कुछ और हो सकते थे। हम पहले दिन से कह रहे थे कि बीजेपी को हराने के लिए AAP और कांग्रेस ने अलग-अलग लड़ाई की। अगर वो साथ होते तो पहले घंटे में ही बीजेपी की हार पक्की थी।
#WATCH | Mumbai: On BJP’s lead in Delhi Election trends, Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut says, “… The early trends show a sharp competition. Had Congress and AAP been together, the results may have been different… The political opponent of AAP and Congress is BJP. Both of… pic.twitter.com/imDry1d0FL
— ANI (@ANI) February 8, 2025
कांग्रेस पर कसा तंज
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी सिर्फ 1 सीट पर आगे चल रही थी। इस पर बात करते हुए संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा कि खाता खोल दिया बस और क्या चाहिए। खाता खोलने के लिए ही मैदान में उतरे थे। मगर इससे आपको सबक लेना चाहिए।
बिहार बनेगा अगला निशाना
दिल्ली में 5 साल से केजरीवाल सरकार को काम नहीं करने दिया। राज्यपाल को गुजरात से लाए और पूरी पावर उन्हें दे दी। केजरीवाल को जेल में डाल दिया गया। इसका असर चुनाव पर देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र में यही हुआ, दिल्ली में हुआ और अब शायद बिहार में भी यही फॉर्मूला लागू होगा। वो लीडरशिप को खत्म करना चाहते हैं।
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