Sabse Bada Sawal, 19 May 2023: चुनावी मौसम की। वो अपने पूरे शबाब पर है। कर्नाटक में चुनाव खत्म हो चुके हैं। अब तेलंगाना, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की बारी है। उसके बाद 2024 का लोकसभा चुनाव होगा। महज 9 महीने बचे हैं। जब चुनाव आते हैं तो वादों की बरसात की जाती है। मुंगेरी लाल के सपने दिखाए जाते हैं। गारंटी दी जाती है। द ग्रेट इंडियन सेल लग जाती है। बस वोट दे दो।
हिमाचल में हमने देखा कि कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना का एक बड़ा कार्ड खेला। जिसका फायदा भी हुआ। कर्नाटक में कांग्रेस पांच गारंटी लेकर आई। जैसे हर परिवार के तीन सौ यूनिट फ्री बिजली…। पीएम मोदी ने तंज भी कसा कि जिनकी वारंटी खत्म हो गई है, वह गारंटी दे रही है। लेकिन जनता ने भरोसा दिखाया। अगर हिंदी पट्टी की बात करें तो 6 महीने में चुनाव होंगे। कमलनाथ 5 सौ रुपए में गैस सिलेंडर, किसानों की पूर्ण कर्जमाफी, महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने की बात कर रहे हैं। वहीं भूपेश बघेल ने भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ा दिया। क्या कांग्रेस अब अपने पुराने नारे पर वापस आ रही है कि कांग्रेस का हाथ गरीबों के साथ। 10 महीने पहले 16 जुलाई को पीएम मोदी ने मुफ्त की घोषणाओं को रेवड़ी कल्चर करार दिया था। उन्होंने यह बात कई बार दोहराई। दरअसल, बीजेपी यह कह रही है कि विपक्ष गरीबों को मुफ्त की रेवड़ी बांट रही है। बीजेपी को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। गरीबों को अनाज मुफ्त दिया जा रहा है।
हर देश के नागरिक का अधिकार है कि उसे मूलभूत सुविधाएं मिले। फ्री कल्चर अरविंद केजरीवाल ने बनाया। इसी के बलबूते दिल्ली और पंजाब सरकार बनाई। लेकिन रेवड़ी क्या है? इसे हर कोई अपने ढंग से परिभाषित करता है। ऐसे में आज का सबसे बड़ा सवाल पार्टियां बांटे रेवड़ी…वोट मुझको दे? किसकी गारंटी सेवा…किसकी मेवा? देखिए सबसे बड़े सवाल पर बड़ी बहस…
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