Rudrastra Explainer: भारतीय रेल के इतिहास में एक और उपलब्धि स्वर्ण अक्षरों में लिखी जा सकती है, क्योंकि देश का नाम रोशन करने के लिए ‘रुद्रास्त्र’ आ गया है। जी हां, ‘रुद्रास्त्र’ 4.5 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी है, 6 मालगाड़ियों को जोड़कर बनाई गई थी। देश की पहली सबसे लंबी ट्रेन का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सकता है। ट्रेन में कुल 354 वैगन हैं और ट्रेन को 7 इंजन की मदद से चलाया गया है। दीनदयाल उपाध्याय (DDU) रेल मंडल ने इस ट्रेन को गंजख्वाजा स्टेशन से सोननगर तक दौड़ाया।
🚆 *भारतीय रेल में नया कीर्तिमान!*
डीडीयू मंडल ने देश मे पहली बार 4.5 किमी लंबी 'रूद्रास्त्र' मालगाड़ी चलाई — 354 वैगन, 6 रेक, 7 इंजन। गंजख्वाजा से धनबाद मंडल के लिए चला रुद्रास्त्र।
समय की बचत, क्षमता में बढ़ोतरी और नवाचार का बेहतरीन उदाहरण! #IndianRailways #Rudrastra pic.twitter.com/fOHbzcivu8---विज्ञापन---— DRM Pt. Deen Dayal Upadhyaya Division (@DRM_DDU) August 7, 2025
भगवान शिव के नाम पर रखा नाम
भारतीय रेलवे के DDU रेल मंडल की प्रबंधक उदय सिंह मीना ने बताया कि ट्रेन को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर दौड़ाया गया, जिसे धनबाद रेल मंडल को सौंपा जा सकता है। इस ट्रेन को कोयला और अन्य सामान ढोने के लिए बनाया गया है। क्योंकि सावन का महीना चल रहा है, इसलिए ट्रेन का नाम भगवान शिव के नाम पर ‘रूद्रास्त्र’ रखा गया। पहली बार 6 खाली बॉक्सन रेक को जोड़कर ट्रेन बनाई गई और इसमें 7 इंजन लगाकर दौड़ाया गया। ट्रायल सफल रहा है और यह ट्रेन भारतीय रेलवे के स्वर्णिम इतिहास में बनी पहली सबसे लंबी मालगाड़ी है।
4 घंटे में तय किया 209KM का सफर
मालगाड़ी को दोपहर करीब 2:20 मिनट पर रवाना किया गया था। गंजख्वाजा स्टेशन से सोननगर तक ट्रेन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर दौड़ी और फिर गढ़वा रोड तक नॉर्मल रेल ट्रैक पर दौड़ी। करीब 40.50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 5 घंटे 10 मिनट में 209 किलोमीटर क सफर तय करके ट्रेन गढ़वा रोड स्टेशन पर शाम 7:30 बजे पहुंची। 6 मालगाड़ियों को जोड़कर बनाई गई ट्रेन से जहां समय की बचत होगी, वहीं एक ही समय में काफी सारा माल एक से दूसरी जगह पर पहुंचया जा सकेगा। ट्रेन से माल ढुलाई की रफ्तार और क्षमता दोनों बढ़ेगी।
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DDU मंडल ट्रेन बनाकर भेजता है धनबाद
बता दें कि पूर्व मध्य रेलवे का पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल सबसे अहम मंडलों में से एक है। यह मंडल धनबाद से कोयला और अन्य सामान देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनों की व्यवस्था, रखरखाव और मरम्मत करता है। ट्रेनों को तैयार करके पूरी जांच के बाद DDU मंडल उन्हें धनबाद भेजता है, जहां ट्रेन में माल लादकर अलग-अलग रूटों पर रवाना की जाती है। अब तक अलग-अलग ट्रेनों में माल भरक अलग-अलग रुटों पर रवाना किया जाता था, जिससे टाइम और ईंधन ज्यादा लगता था और माल भी कम जाता था, लेकिन अब कम समय में ज्यादा माल सप्लाई होगा।
ये है दुनिया की सबसे लंबी मालगाड़ी
बता दें कि दुनिया की सबसे लंबी मालगाड़ी होने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम दर्ज है। BHP आयरन ट्रेन की लंबाई लगभग 7.3 किलोमीटर है और इसमें 682 डिब्बे लगे हैं। इस ट्रेन को 8 लोकोमोटिव इंजन खींचते हैं। यह ट्रेन लौह अयस्क की सप्लाई के लिए इस्तेमाल की जाती है। ऐसे में ‘रूद्रास्त्र’ ने भारत की सबसे लंबी मालगाड़ी का रिकॉर्ड तो अपने नाम कर ही लिया है। उम्मीद की जा रही है कि दुनिया की दूसरी सबसे लंबी ट्रेन होने का रिकॉर्ड दर्ज हो जाए। रेलवे विभाग के अधिकारी इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
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