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Reciprocal Tarrif क्या और भारत पर क्या पड़ेगा असर, ट्रंप ने क्यों लिया टैरिफ लगाने का फैसला?

Reciprocal Tarrif Explainer: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। अगर भारत पर भी यह टैरिफ लगा तो देश को नुकसान उठाना पड़ेगा। आइए जानते हैं कि यह टैरिफ क्या है और भारत पर इसका असर कैसे पड़ेगा?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Feb 14, 2025 09:04
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PM Modi Donald Trump Meeting
डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।

Reciprocal Tarrif Explainer: जैसे को तैसा टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) आखिर क्या है? जिसका ऐलान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के 2 घंटे पहले किया। दोनों की मुलाकात वाशिंगटन DC शहर में व्हाइट हाउस में हुई। टैरिफ लगाने का ऐलान करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिक देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएगा। जो देश अमेरिका के सामान पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश के सामान पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। भारतीय समयानुसार रात करीब साढ़े 12 बजे ट्रंप ने ‘टिट-फॉर-टैट शुल्क’ लगाने संबंधी ऑर्डर पर साइन भी कर दिए, लेकिन टैरिफ किन देशों पर लगेगा और कितना लगेगा, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।

 

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भारत पर ज्यादा टैरिफ लगाने का आरोप

डोनाल्ड ट्रंप ने ऑर्डर पर हस्ताक्षर करते हुए भारत पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाने का आरोप लगाया और कहा कि निष्पक्षता के उद्देश्य से फैसला किया है कि देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाऊंगा। यह सभी के लिए उचित है। कोई देश भेदभाव की शिकायत नहीं कर पाएगा। टैरिफ से अमेरिका के उत्पाद निर्माताओं के लिए विदेशी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का अवसर भी पैदा होगा। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अपनी हार्ले डेविडसन बाइक भारत में नहीं बेच पाया था, क्योंकि वहां टैरिफ बहुत ज्यादा था, इसलिए कंपनी को टैरिफ से बचने केस लिए वहां बाइक की फैक्ट्री लगानी पड़ी। अगर भारत और अन्य देशों को भी टैरिफ से बचना है तो वे अमेरिका में अपने प्रोडक्ट की फैक्ट्री या प्लांट लगा सकते हैं।

 

क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ?

रेसिप्रोकल टैरिफ का सीधा मतलब है, जैसे को तैसा शुल्क, जो बॉर्डर टैक्स कहलाता है। यह टैक्स दूसरे देश से आने वाले सामान पर लगाया जाता है। यह कर लगाने से विदेशों से आने वाली चीजें महंगी हो जाती हैं, लेकिन इससे सरकार की आय बढ़ती है। इस टैक्स को लगाने का मकसद घरेलू निर्माण और बढ़ावा देना और घरेलू उद्योगों की रक्षा करना होता है।

क्यों लगाया गया रेसिप्रोकल टैरिफ?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए ‘टिट-फॉर-टैट शुल्क’ लगाने का ऐलान किया है। ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही टैरिफ को लेकर मुखर रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान रैलियों में वे टैरिफ लगाने की बात करते रहे हैं। टैरिफ लगाने की घोषणा ट्रंप की आंख के बदले आंख दिखाने वाले वाले दृष्टिकोण की प्रतीक है। टैरिफ लगाने का ट्रंप का पहला मकसद अमेरिका के व्यापार घाटे (आयातित और निर्यात किए गए माल के मूल्य के बीच का अंतर) को कम करना है। व्यापार संबंधों को संतुलित करना, अतिरिक्त राजस्व कमाना और डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है। विदेशी वस्तुओं को हतोत्साहित करना और देसी वस्तुओं को प्रोत्साहित करना है।

 

भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

अमेरिका ने भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया तो नुकसान होगा। भारत अमेरिका के बीच 17 प्रतिशत विदेशी व्यापार होता है। भारत से अमेरिका फल और सब्जियां खरीदता है। टैरिफ लगने से इंडियन प्रोडक्ट्स अमेरिकन मार्केट में महंगे हो जाएंगे और इनकी डिमांड कम होने से बिजनेस पर असर पड़ेगा। भारत को अमेरिका के साथ अनुकूल व्यापार संबंध बनाए रखने के लिए अपने टैरिफ स्ट्रक्चर का पुनर्मूल्यांकन करना पड़ सकता है, क्योंकि भारत अब तक सबसे जयादा टैरिफ लगाने वाले देशों की सूची में शामिल है। साल 2024 में भारत ने औसतन 11.66 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद भारत सरकार ने टैरिफ रेटों में बदलाव किया और साल 2025 में भारत एवरेज टैरिफ 10.65 प्रतिशत लगा रहा है।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Feb 14, 2025 09:02 AM

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