RBI Reserve Bank of India action on Paytm: आरबीआई के एक्शन के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक का फ्यूचर खतरे में है। इसका लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आरबीआई इसका ऑपरेटिंग लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रहा है। पेटीएम पेमेंट बैंक पर पाबंदी लगाने के रिजर्व बैंक के ऐलान के बाद पेटीएम के शेयरों के दाम भी गिरे हैं। गुरुवार को भारी गिरावट के बाद कंपनी के शेयर 609 रुपये तक पहुंच गए। पेटीएम पर आरबीआई की सख्ती की वजह से करोड़ो लोगों के प्रभावित होने की आशंका है। बैंक की ज्यादातर सेवाओं पर रोक के बाद अब इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि उसका लाइसेंस रद्द हो जाए। इसपर फैसला मार्च के शुरू में हो सकता है।
सवाल है कि आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर बैन क्यों लगाया है। आखिर पेटीएम ने ऐसा क्या कर दिया कि रिजर्व बैंक ने इतना बड़ा फैसला ले लिया। इतना बड़ा कदम उठाने के लिए आरबीआई क्यों मजबूर हो गया। पेटीएम ने आरबीआई के कुछ नियमों का पालन नहीं किया जिसकी वजह से ऐसा हुआ है।
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केवाईसी का उल्लंघन
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के हजारों कस्टमर्स ने केवाईसी डॉक्यूमेंट्स ही जमा नहीं किए थे। एक ही डॉक्यूमेंट से हजारों ग्राहकों का रजिस्ट्रेशन हो गया था। 2021 में केवाईसी उल्लंघन को लेकर आरबीआई ने चेतावनी दी थी और 2022 में नए कस्टमर्स नहीं लेने को कह दिया था। आरबीआई ने कहा है कि उसने मार्च 2022 में पेटीएम पेमेंट्स बैंक से कहा था कि वह नए कस्टमर्स जोड़ना बंद कर दे।
पेटीएम ने आरबीआई की बात को किया नजरअंदाज
पिछले साल पेटीएम पर लगभग 5 करोड़ का फाइन भी लगाया गया था। बावजूद इसके पेटीएम ने आरबीआई की बात नहीं सुनी। वार्निंग के बाद भी पेटीएम ने बड़ी संख्या में अपने ग्राहकों का केवाईसी ही नहीं कराया। पेटीएम पेमेंट अकाउंट में पाया गया कि हजारों ग्राहकों का पैन नंबर एक ही है जबकि एक पैन नंबर सिर्फ एक ही ग्राहक का हो सकता है। इसकी वजह से धांधली की आशंका बढ़ गई थी। मिनिमम KYC अकाउंट्स से लाखों रुपये के ट्रांजैक्शन किए गए जिससे मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका थी।
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