अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के महासचिव सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। इसमें उनके साथ राजेश राम, विधानसभा में दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान, विधान परिषद में दल के नेता डॉ. मदन मोहन झा, सांसद मनोज राम, राष्ट्रीय सचिव पूनम पासवान, पूर्व सांसद अजय निषाद और राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर अभय दुबे मौजूद रहे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि देश में दो व्यवस्थाएं चल रही हैं। एक लोकतंत्र को बचाने की और दूसरी लोकतांत्रिक संविधान को खत्म करने की। सामाजिक न्याय की लड़ाई को शिथिल करने का काम किया जा रहा है। राहुल गांधी ने जिस तरह से जातीय जनगणना की आवाज उठाई, मल्लिकार्जुन ने संसद में आवाज उठाई और कहा था कि पूरे देश में इसे लागू करेंगे। आज वह पूरा होता हुआ दिख रहा है।
कूड़ेदान में डाल दी जनगणना की गिनती
वहीं, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी जातीय जनगणना की विरोधी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर सड़क तक गरीब और शोषितों को उनकी गिनती तक के अधिकार से वंचित किया है। कांग्रेस की सोच के चलते आजादी के बाद पहली बार 19 मई 2011 को जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया गया था। 3 जुलाई 2015 को इसकी रिपोर्ट आ गई। साजिश के तहत प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने जातीय जनगणना की गिनती को कूड़ेदान में डाल दिया। यह लड़ाई 15 सालों से चल रही है। 11 साल से राहुल गांधी ने इसे मिशन बनाकर लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन भाजपा और आरएसएस दोनों पहले दिन से जातीय जनगणना के विरोधी रहे हैं। उनके डीएनए में दलित, आदिवासी, पिछड़ा और शोषित विरोधी है। इसलिए वे जातीय जनगणना के विरोधी हैं।
जल्द लागू होगी रिपोर्ट
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आगे कहा कि भाजपा ने अदालत में जातीय गणना का विरोध किया है। जब कुछ नहीं बचा तो लाचार होकर दलितों और शोषितों के आगे उन्हें झुकना पड़ा। जो गणना कांग्रेस और यूपीए ने करवाई है, उसकी रिपोर्ट आ गई है, उसे मंत्रिमंडल में रखा जाएगा। हमारे मंत्रिमंडल के नीति आयोग के अध्यक्ष अरविंद पानिया रिपोर्ट को लागू करेंगे। उसकी कमेटी बनाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूल गए। मोदी सरकार ने संसद में लिखित जवाब देकर जातीय जनगणना कराने से इनकार कर दिया। 21 सितंबर 2021 को दिए गए शपथ पत्र में मोदी ने लिखा था कि जनगणना के साथ जाति की जनगणना करना सही नहीं है।
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बिहार में गलत हुई जनगणना
इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में गलत जनगणना हुई। उसे मोदी सरकार ने कोर्ट में ले जाकर फंसा दिया। बिहार की सरकार को जातीय जनगणना कराने का कोई अधिकार नहीं है। जनगणना कराने का अधिकार भारत सरकार का है, राज्य सरकार का नहीं है। मोदी ने जातिगत जनगणना करने वाले को नक्सल का नाम दिया। 2019 और 2024 लोकसभा में कांग्रेस पार्टी ने घोषणा पत्र में इस मांग को रखा था।