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‘मेरी नाक शुरू तो आपका लोकतंत्र खत्म’, राज्यसभा में CISF की तैनाती पर तीखी बहस, जेपी नड्डा ने दिया ये जवाब

राज्यसभा में CISF की तैनाती को लेकर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बीच जोरदार बहस हुई। खड़गे ने कहा कि CISF को वेल में भेजकर संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई है, जबकि रिजिजू ने इसे गलत और भ्रामक जानकारी बताते हुए कहा कि सदन में केवल मार्शलों की अनुमति है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Aug 5, 2025 13:04
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राज्यसभा में CISF की तैनाती पर जबरदस्त हंगामा (फोटो सोर्स- संसद टीवी)

राज्यसभा में मंगलवार को CISF तैनात किए जाने के मामले को लेकर नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बीच बहस हुई। राज्यसभा में बोलते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सदन में CISF की तैनाती से सदन की गरिमा गिरी है। वहीं किरेन रिजिजू ने इसे झूठ बताते हुए कहा कि यहां सिर्फ मार्शलों की तैनाती की ही अनुमति है। जेपी नड्डा ने भी CISF की तैनाती पर जवाब देते हुए कहा कि अगर आप डंडा चलते हैं और वह मेरी नाक में लगता है तो आपका लोकतंत्र वहीं खत्म हो जाता है, जहां से मेरी नाक शुरू होती है।

हंगामे के बीच मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में चेयर से कहा, “मैंने आपको लिखा था, मैं राज्यसभा में विपक्षी दलों की ओर से आपको लिख रहा हूं। हम इस बात से हैरान और स्तब्ध हैं कि जिस तरह से CISF को सदन के वेल में दौड़ाया गया, जबकि सदस्य अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे। हमने इसे कल भी देखा और आज भी देखा।”

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खड़गे ने यह भी कहा कि “हमारी संसद का इस स्तर तक पतन हो गया है। यह बेहद आपत्तिजनक है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में CISF के जवान सदन के वेल में तब नहीं आएंगे जब सदस्य जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दे उठा रहे हों।”

जवाब देने के लिए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “मैं एक बात स्पष्ट करना चाहूंगा। विपक्ष के नेता बहुत वरिष्ठ नेता हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल उठाया था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि सदन में सेना के लोग लाए जाएंगे, CISF के जवान लाए गए और दिल्ली पुलिस को लाया गया। यह रिकॉर्ड में स्पष्ट है कि केवल मार्शल ही सदन में प्रवेश कर सकते हैं।”

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “उस दिन केवल मार्शल ही यहां थे। इसलिए, विपक्ष के नेता ने गुमराह किया और यहां झूठे तथ्य पेश किए। उन्होंने आपको भी लिखा है। जब विपक्ष के नेता सभापति को झूठा पत्र लिखते हैं और झूठे तथ्य पेश करते हैं, तो क्या कार्रवाई होनी चाहिए?”

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सदन के नेता, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि मैंने इन लोगों से कई बार कहा है कि मैं 40 साल से ज्यादा विपक्ष में रहा हूं, उन्हें मुझसे ट्यूशन लेनी चाहिए। मैं उन्हें बताऊंगा कि विपक्ष का आचरण कैसा होना चाहिए। आप अभी सिर्फ 10 साल से विपक्ष में हैं। आपको 30-40 साल तक वहां रहना होगा। विपक्ष के नेता ने जो कहा, उसके अनुसार – व्यवधान डालने के अलग-अलग तरीके होते हैं। लोकतंत्र में अगर आप डंडा चलाते हैं और वह मेरी नाक पर लग जाता है तो आपका लोकतंत्र वहीं खत्म हो जाता है जहां से मेरी नाक शुरू होती है। आपको यह समझना होगा कि यह व्यवधान नहीं, अराजकता है। साथ ही, कोई भी व्यक्ति जो सभापति के आदेश पर अनुशासन और मर्यादा बनाए रखने के लिए सदन में है, वह मार्शल है, वह किसी अर्धसैनिक बल का सदस्य नहीं है।

First published on: Aug 05, 2025 01:04 PM

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