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राजनाथ सिंह का सीक्रेट योग; रक्षा मंत्री ने बॉर्डर की बजाए क्यों किया इस खास लोकेशन का चुनाव?

Rajnath Singh Yoda Day 2024: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अक्सर बॉर्डर पर सैनिकों के साथ योगा डे मनाते थे। मगर इस बार उन्होंने योग करने के लिए एक सीक्रेट लोकेशन का चुनाव किया है। आइए जानते हैं इस जगह में क्या कुछ खास है?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Jun 21, 2024 14:05
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Rajnath Singh

Rajnath Singh Yoda Day 2024: (पवन मिश्रा) आज पूरी दुनिया में योग दिवस की धूम देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर भी योग करते हुए कई बड़ी हस्तियों की तस्वीरें सामने आई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में योग दिवस मनाया है तो वहीं मंत्रियों से लेकर सेना के जवानों ने भी योगा परफॉर्म किया है। हालांकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने योगा डे के लिए काफी खास लोकेशन का चुनाव किया। उन्होंने सेना की एक सीक्रेट जगह पर योग करते हुए सैनिकों को संबोधित किया है।

मथुरा में मनाया योगा डे

योगा डे के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मथुरा में मौजूद थे। यहां उन्होंने सैनिकों के साथ 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। इस मौके पर उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और जनरल ऑफिसर कमांडिंग, 1 कोर लेफ्टिनेंट जनरल संजय मित्रा भी शामिल थे। रक्षा मंत्री ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि, योग हमारे सैनिकों की आक्रामक क्षमताओं का उपयोग करता है। वे अनावश्यक आक्रामकता से बचते हैं, लेकिन देश की रक्षा के लिए, जब भी जरूरत होती है, आक्रामक रूप से खड़े हो जाते हैं।

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इंडियन आर्मी का सीक्रेट हेड क्वार्टर

बता दें कि इस बार रक्षा मंत्री ने योग दिवस मनाने के लिए बॉर्डर की बजाए मथुरा को चुना। जिसकी वजह मथुरा में मौजूद इंडियन आर्मी का एक गोपनीय हेड क्वार्टर है। इस हेड क्वार्टर पर ड्रैगन यानी चीनी सेना की नजर हर वक़्त लगी रहती है। मथुरा में मौजूद इस गोपनीय हेड क्वार्टर को ‘स्ट्राइक कोर’ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खासियत यह है कि अगर देश पर दुश्मन के हमले का अंदेशा होता है तो पहली घेराबंदी करने के लिए इसी स्ट्राइक कोर को अग्रिम पंक्ति में भेजा जाता है।

मथुरा स्ट्राइक कोर की खासियत

न्यूज़ 24 ने दिल्ली के साउथ ब्लॉक में तैनात कर्नल चमोली से यह जानकारी मांगी कि ऐसी क्या खास वजह है जिसके कारण मथुरा के स्ट्राइक कोर को सबसे बेहतर माना जाता है? इसका जवाब देते हुए कर्नल चमोली ने बताया कि, इस स्ट्राइक कोर में ग्राउंड सोल्जर, घातक एयरडिफेंस यूनिट, बख्तरबंद डिवीजन, इंजीनियर ब्रिगेड, तोपखाने के अलावा स्ट्रैटजिक न्यूक्लियर कमांड एक साथ मौजूद हैं, जो 24 घंटे देश के किसी भी हिस्से में तत्काल पहुंच कर दुश्मन पर हमला कर सकते हैं।

पाकिस्तान को दी थी मात

मेजर जनरल एसके सिंह ने न्यूज़ 24 को बताया कि, स्ट्राइक कोर एक दिन में सबसे ताकतवर नहीं बनी है। इसके पीछे कहानी बहुत लंबी है। मेजर जनरल एसके सिंह के अनुसार साल 1965 की लड़ाई में इसी कोर ने पाकिस्तानी सैनिकों को लहूलुहान करके उसके 144 टैंकरों को बर्बाद कर दिया था। इतना ही नही पाकिस्तान का 200 वर्ग मील हिस्सा भी भारत में मिला दिया था। युद्ध का मैदान ही नहीं देश मे आई कई इमरजेंसी कॉल के समय भी यह कोर देशवासियों के जान बचाने में सबसे आगे रहा। इसने सिक्किम से लेकर बालटाल में आये तूफान और शांति सेना का हिस्सा बनकर विदेशियों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का काम किया है। यही वजह है कि रक्षा मंत्री ने इस बार का योगा डे इस कोर के साथ मनाने का निर्णय लिया।

कई ऑपरेशन में पाई सफलता

न्यूज़ 24 को रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मथुरा में मौजूद इसी सीक्रेट कोर को मणिपुर में भेजकर शांति बहाल करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। इस कोर के साथ योग करने के बाद रक्षा मंत्री ने जमकर तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि, देश को जब भी वीरता और समर्पण दिखाने की जरूरत पड़ी तो इस कोर के सैनिक सबसे आगे दिखे। उन्होंने 1965 के ऑपरेशन रिडल, 1971 के ऑपरेशन कैक्टस लिली, 1987 के ऑपरेशन पवन और 1988 के ऑपरेशन कैक्टस सहित कई ऑपरेशनों में अहम भूमिका निभाई। रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत एक ऐसे देश के रूप में जाना जाता है जो कभी दूसरे देश पर हमला नहीं करता और विस्तारवादी साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर उसकी संप्रभुता को किसी भी तरह से खतरा होता है तो भारत कड़ी प्रतिक्रिया देने में पूरी तरह सक्षम है।

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Written By

Sakshi Pandey

First published on: Jun 21, 2024 02:04 PM

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